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यूपी चुनाव में कांग्रेस, सपा चाहती है इनका साथ………

congresलखनऊ,  उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच होने वाले संभावित गठबंधन के बीच दोनों ही पार्टियों में प्रियंका गांधी को लेकर आवाज अब मुखर होने लगी है। दोनों ही पार्टियों के नेताओं का मानना है कि चुनाव में उनकी सक्रियता से दोनों को ही फायदा होगा। लिहाजा दोनों पार्टी के नेता इसको लेकर कवायद करने में जुटे हैं। यूपी में विधानसभा चुनाव जनवरी-फरवरी में हो सकते हैं। एक अंग्रेजी अखबार की वेबसाइट ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि गठबंधन को लेकर दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच वार्ता जारी है।

इस दौरान समाजवादी पार्टी के एक नेता ने प्रियंका गांधी का नाम लेते हुए कहा कि वह चुनाव में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने कहा कि वह जीत में भी अहम भूमिका निभा सकती हैं। उनकी चुुनाव में भूमिका को लेकर कांग्रेस से कहा भी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के किसी भी अन्य नेता से ज्यादा बेहतर प्रियंका हो सकती हैं। हालांकि उन्होंने माना कि यह पार्टी का अंदरुनी मामला है कि वह प्रियंका से चुनाव प्रचार करवाती है या नहीं। लेकिन हमने अपनी बात कांग्रेस के समक्ष रख दी है। उन्होंने कहा कि वह मानते हैं कि प्रियंका यदि चुनाव में सक्रियता से भूमिका निभाएंगी तो दोनों ही पार्टियों की सीटों में इजाफा होगा। इस गठबंधन को लेकर राष्ट्रीय लोक दल से भी बातचीत चल रही है।

सपा नेता का कहना था कि उन्हें उम्मीद है कि वह रालोद और कांग्रेस को महागठबंधन का हिस्सा बना पाने में सफल हो जाएंगे। हालांकि उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि इस गठबंधन के आसार तभी हैं जब कांग्रेस उन्हें दी जाने वाली 75-80 सीटों पर राजी हो जाए, क्योंकि फिलहाल वह 110 सीटों पर अड़ी हुई है। कांग्रेस की बात की जाए तो वहां पर प्रियंका को लेकर मांग पहले भी उठती रही है। एक स्थानीय कांग्रेसी नेता के मुताबिक इस वर्ष मई में प्रियंका ने पार्टी के ब्लॉक अध्यक्षों से भी बैठक की थी।

इस दौरान भी प्रियंका को चुनावी मैदान में उतारने को लेकर मांग की गई थी। इस बैठक में सभी का कहना था कि प्रियंका के चुनाव में आने से पार्टी को फायदा हो सकता है। इसके बाद प्रियंका ने प्रशांत किशोर से मुलाकात की थी। गौरतलब है कि कांग्रेस काफी लंबे समय से राज्य में सत्ता पाने के लिए संघर्ष कर रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में प्रियंका ने अमेठी और राय बरेली के बाहर चुनाव प्रचार नहीं किया था। यहां से राहुल और सोनिया गांधी मैदान में थे।

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