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योगगुरु बाबा रामदेव की पतंजलि अब 50,000 करोड़ रुपये के कारोबार पर

ramdevनई दिल्ली,  पांच हजार करोड़ रुपये टर्नओवर का आंकड़ा पार कर चुकी की नजर अब 50,000 करोड़ रुपये के कारोबार का आंकड़ा छूने पर है। पतंजलि एफएमसीजी उत्पादों के बल पर यह लक्ष्य हासिल करने की योजना बना रही है। साथ ही पतंजलि ने महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, असम और आंध्र प्रदेश में पांच फूड पार्क बनाने का ऐलान भी किया है। योगगुरु बाबा रामदेव ने शनिवार को यहां आर्थिक आजादी का आह्वान करते हुए देशवासियों से स्वदेशी उत्पादों के इस्तेमाल की अपील की। रामदेव ने कहा कि पतंजलि का कारोबार 5000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर चुका है और जल्द ही यह 25,000 करोड़ रुपये और फिर 50,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को छुएगा।

उन्होंने विदेशी कंपनियों पर देश का धन भारत से बाहर ले जाने का आरोप भी लगाया। रामदेव यहां डेंटिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आए थे। डीएआई ने यह कार्यक्रम पतंजलि के टूथपेस्ट दंतकांति को सबसे बेहतर टूथपेस्ट की मान्यता देने के संबंध में किया था। डीएआई के अध्यक्ष अनिल धल्ला ने कहा कि उनके संगठन ने प्रमुख कंपनियाों के टूथपेस्ट का तुलनात्मक अध्ययन किया है, जिसमें यह बात सामने आई है। रामदेव ने पत्रकारों से कहा कि पतंजलि ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, असम और उत्तर प्रदेश में पांच फूड पार्को की स्थापना के लिए जमीन खरीदी है। उन्होंने कहा कि इस साल दो तीन फूडपार्क चालू भी हो जाएंगे। इसके अलावा पतंजलि डेयरी उत्पाद भी लांच करेगी।

रामदेव ने देश की जनता से आर्थिक आजादी के लिए स्वदेशी उत्पादांे को अपनाने की अपील की। साथ ही उन्होंने पतंजलि को नोटिस भेजने पर एडवरटाइजिंग स्टेंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि एएससीआइ कोई संवैधानिक संस्था नहीं है। यह खुद ही अवैध संस्था है। उन्हेंने कहा कि एएससीआइ ने पतंजलि को बदनाम करने की सुपारी ले रखी है। उन्होंने कहा कि पतंजलि को आम लोगों ने मिलकर बनाया है। गौरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों का जिक्र करते हुए रामदेव ने कहा कि पतंजलि ने 500 करोड़ रुपये गौरक्षा पर खर्च करने का लक्ष्य रखा है। जिस तरह आदि शंकराचार्य ने देश के चारों कोने में चार पीठ की स्थापना की थी, वैसे ही पतंजलि गौरक्षा के लिए देशभर में चार वैज्ञानिक गौशालाएं बनाने जा रही है। पतंजलि कुल मिलाकर शोध और अनुसंधान पर एक हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी।

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