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रिवर डेवलपमेंट फ्रंट में निर्माण कार्य के दौरान ढहा बाढ़ नियंत्रण कक्ष, गोमती बैराज पुल बंद

pulलखनऊ, हजरत गंज से गोमती नगर जाने वाला गोमती बैराज पुल बंद कर दिया गया है।  सिचाई विभाग के अधिकारियों की गैर जिम्मेदारी के चलते गोमती बैराज स्थित सिंचाई विभाग के बाढ़ नियंत्रण कार्यालय का मुख्य हिस्सा ढह गया है। कार्यालय की अचानक छत गिरने और फर्श ढहने से वहां गहरा गड्ढा हो गया। इस हादसे से हड़कम्प मच गया।

तेज आवाज और अचानक हुए हादसे के चलते आस पास मौजूद सभी लोग और पुल से गुजर रहे राहगीर और कार्यालय के आसपास मौजूद कर्मी सहम गए। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने आनन-फानन में जिला प्रशासन से बात करके गोमती बैराज से आवागमन को पूरी तरह से रोक दिया और रास्ता आम लोगों के लिए बंद कर दिया। जानकारों का कहना है कि खतरा अभी टला नहीं है। यदि रात में मिट्टी और खिसक गई तो पिलर पर खतरा मंडरा सकता है।

क्या रही वजह:- दरअसल सिंचाई विभाग ने जिन ठेकेदारों को अण्डरपास बनाने का काम दिया है उन्होंने कार्यालय के नीचे इतनी मिट्टी खोद डाली कि कार्यालय की नींव धसक गई। नींव का मलबा नीचे गिरा तो कार्यालय के ऊपर की छत और दीवारें भी गिरने से नहीं बची। खिड़कियां दरवाजे तक टूट गए। बोल दिया झूट:- वहीं हर बार की तरह सरकारी अधिकारी अपनी लापरवाही को छुपाने के लिए झूठे दावे करने लगे। उनका कहना था कि कार्यालय तो तोड़ा ही जाना था क्योंकि नीचे से अण्डरपास बनाया जा रहा है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि ये दावे झूठे हैं। लाजमी है कि यदि गिराना ही था तो दरवाजे, खिड़िकयां हटाये जाते। बिल्डिंग पर लगी भारी होर्डिंग भी हटती, जो कि हुआ नहीं। हुई चूक:-सिचाई विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली में भारी चूक दिखी। यहां खुदाई बिना शटरिंग लगाए ही हो रही थी। अगर शटरिंग लगाई जाती तो इतनी बड़ी घटना न होती। क्या बोले अधिकारी, अधीक्षण अभियंता, रूप सिंह यादव ने कहा कि गोमती बैराज पर बने बाढ़ नियंत्रण कार्यालय को तो हम गिरा रहे हैं। नीचे से हम अण्डपास बना रहे हैं। वो अपने आप कैसे गिर जाएगा। पहले से इसकी प्लानिंग थी। –

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