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संघ लोक सेवा आयोग मे ओबीसी के साथ हो रहा भेदभाव, मोदी सरकार खामोश

loksabhaनई दिल्ली, अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण में क्रीमी लेयर से जुड़ी अधिसूचना पर लोकसभा में शून्यकाल के दौरान राजद के जयप्रकाश नारायण यादव और सपा के धर्मेन्द्र यादव ने इस विषय को उठाते हुए कहा कि संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा के परिणाम आने के बाद डीओपीटी ने क्रीमी लेयर की जो व्याख्या की है, उससे काफी संख्या में पिछड़े वर्ग के छात्र प्रभावित होंगे। सरकार को इसे तत्काल वापस लेना चाहिए।

राजद के जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा कि ओबीसी आरक्षण में क्रीमीलेयर का सहारा लेकर यूपीएससी के छात्रों के अवसर खत्म करने का काम किया जा रहा है। यह एक ऐसा विषय है कि एक बार फिर लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिया लेकिन अब आरक्षण पर प्रहार हो रहा है। यूपीएससी के छात्रों के साथ भेदभाव हो रहा है और सरकार कुछ नहीं कर रही है। सपा के धर्मेन्द्र यादव ने कहा कि इस विषय को वह पिछले सप्ताह से उठाने का प्रयास कर रहे हैं। क्रीमीलेयर के माध्यम से पिछड़ों का गला घोंटने का काम किया जा रहा है। यूसीएससी का परिणाम आने के बाद डीओपीटी ने क्रीमीलेयर की जो व्याख्या की है, उससे पिछड़े वर्ग के छात्रों के साथ भेदभाव हो रहा है। उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस की सरकार ने गलत काम किया और अब भाजपा सरकार अधिक गलत काम कर रही है। कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि वह इस विषय पर सदस्यों की मांगों का समर्थन करते हैं लेकिन 1993 में सबसे पहले कांग्रेस सरकार ने ही पिछड़े वर्ग के हित में मानदंड तय किये थे।

अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण में क्रीमी लेयर से जुड़ी अधिसूचना पर विपक्ष की आपत्तियों के बीच सरकार ने  स्पष्ट किया कि यह 2004 में संप्रग सरकार के दौरान जारी की गई थी और उसी समय से जारी है, साथ ही कहा गया कि मोदी सरकार पिछड़े वर्ग के आरक्षण को कोई क्षति नहीं पहुंचने देगी और अगर क्रीमी लेयर के संबंध में कोई परिवर्तन करना है तो सरकार इसके लिए तैयार है।

सदन में गृह मंत्री राजनाथ सिंह और संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि वर्तमान सरकार ने इस बारे में कोई नयी पहल नहीं की बल्कि साल 2004 से ही संप्रग सरकार द्वारा पेश प्रावधान को आगे बढ़ाया जा रहा है। यह 2004 से अब तक जारी है। इसमें भाजपा या मोदी सरकार का कोई हाथ नहीं है। राजनाथ सिंह ने कहा, यूपीएससी में चुने गए छात्रों से 2004 से ही इस बारे में जानकारी मांगी जाती रही है। यह जानकारी इसलिए मांगी जाती है ताकि भविष्य में कोई अदालत में न चला जाए या कोई अदालती वाद न बन जाए। गृह मंत्री ने कहा, कोई नयी अधिसूचना नहीं है। ओबीसी छात्रों को कोई क्षति नहीं पहुंचने दी जायेगी।

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा, मोदी सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण के प्रति कटिबद्ध है। सदस्य जिस अधिसूचना के बारे में बात कर रहे हैं, वह साल 2004 से क्रीमी लेयर के नियम के तहत प्रभावी है। ओबीसी की क्रीमी लेयर के बारे में कोई नयी नियमावली नहीं है। अगर इसमें कोई परिवर्तन होना है तो सरकार इसके लिए तैयार है।

 

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