मेरठ, प्रदेश की सत्ता में वर्चस्व को लेकर समाजवादी पार्टी में छिड़ी जंग का असर स्थानीय स्तर पर भी साफ दिखने लगा है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खास होने के कारण सरधना सीट से टिकट कटने से बौखलाए अतुल प्रधान ने बगावत कर दी है।
अतुल ने सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव के खिलाफ बगावत करते हुए हर हाल में सरधना से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। इसी तरह की सुगबुगाहट मेरठ कैंट और मेरठ शहर सीट पर दिखाई देने लगी है। समाजवादी पार्टी में वर्चस्व को लेकर छिड़ी जंग में प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी शिवपाल यादव के हाथ लगी तो उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कई खास लोगों के टिकट काटकर अपने चहेतों को थमा दिए। सरधना से अतुल प्रधान का टिकट काटकर पिंटू राणा को, मेरठ शहर से रफीक अंसारी का टिकट काटकर अय्यूब अंसारी को और मेरठ कैंट से परविंदर सिंह ईशू का टिकट काटकर आरती अग्रवाल को थमा दिया गया। इससे तीनों ही सीटों पर कार्यकर्ताओं में अंसतोष फैल गया और अंदर ही अंदर बगावत सुलगने लगी
। सरधना विधानसभा क्षेत्र से सपा के पूर्व प्रत्याशी अतुल प्रधान ने तो अपना टिकट कटने के खिलाफ खुली बगावत कर दी है। अतुल ने तो साफ कर दिया हैं कि वह हर हाल में सरधना सीट से चुनाव लड़ेगें, क्षेत्र की जनता उनके साथ है। वह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अपना नेता मानते हैं उन्हीं के चेहरे को आगे रखकर चुनाव लड़ा जायेगा। इससे पहले 2012 में भी अतुल ने सरधना से सपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था और 48000 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। इसी तरह से मेरठ कैंट से परविंदर ईशू का टिकट कटने से सिख समाज में आक्रोश है। परविंदर ने अभी बगावत के संकेत नहीं दिए हैं, लेकिन वह भी विरोध जता रहे हैं। इसी तरह से शहर सीट से दर्जा राज्य मंत्री रफीक अंसारी का टिकट कटना भी सपा में अंसतोष का कारण बन रहा है। रफीक इससे पहले सपा प्रत्याशी के रूप में 2012 में विधानसभा और महापौर का चुनाव लड़ चुके हैं।