Breaking News

समाजवादी पार्टी में रहूं ना रहूं, इस धर्मयुद्ध में अखिलेश के साथ हूं-रामगोपाल यादव

मुंबई,  समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव को ६ साल के लिये पार्टी से निकाल दिया गया है.रामगोपाल ने अपनी बर्खास्तगी के बाद मुंबई से जारी एक पत्र में कहा, ‘नेताजी (मुलायम) इस वक्त जरूर कुछ आसुरी शक्तियों से घिरे हुए हैं. जब वह उन ताकतों से मुक्त होंगे तो उन्हें सचाई का एहसास होगा. मैं समाजवादी पार्टी में रहूं या ना रहूं. लेकिन इस धर्मयुद्ध में अखिलेश यादव के साथ हूं. सपा मुखिया को बड़ा भाई और राजनीतिक गुरु बताते हुए ताउम्र उनका सम्मान करने का संकल्प जताते हुए रामगोपाल ने कहा, ‘मुझे पार्टी से निकाले जाने का कोई दुख नहीं है. मेरे ऊपर जो घटिया आरोप लगाए गए हैं, मुझे उनसे पीड़ा जरूर हुई है.’ Ram Gopal Yadavइससे पहले, सपा के प्रांतीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन में रामगोपाल पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के निर्देश पर रामगोपाल को सपा से छह साल के लिए निकाल दिया गया है. 
उन्होंने आरोप लगाया कि रामगोपाल पूरी तरह भाजपा से मिले हैं, वह तीन बार भाजपा के एक बड़े नेता से मिल चुके हैं. वह यह सब इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि उनके सांसद पुत्र अक्षय यादव और पुत्रवधु नोएडा के पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह द्वारा किए गए अरबों रुपये के घोटाले के प्रकरण में फंस रहे हैं. शिवपाल ने आरोप लगाया कि रामगोपाल सपा को तोड़ने का षडयंत्र कर रहे हैं और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इन सभी साजिशों को समझ नहीं पा रहे हैं.

चाचा-भतीजे के बीच वर्चस्व की जंग में खुलकर अखिलेश का साथ देने वाले सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे रामगोपाल सपा के थिंक टैंक माने जाते रहे हैं. शिवपाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘रामगोपाल भाजपा के इशारे पर साजिशें कर रहे हैं. मुख्यमंत्री को यह समझना चाहिए कि कौन उनका सगा है. प्रोफेसर हमेशा तिकड़म करते रहे हैं और सपा के नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को अपमानित करते रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘मैंने हमेशा उनकी तानाशाही और नाकारापन वाले कार्यों को पार्टी में उठाया तो वह मेरे विरुद्ध षडयंत्र करने लगे. अब तो वह नेताजी और अखिलेश सरकार को कमजोर करने पर आमादा हैं. वह भ्रष्टाचारियों से मिले हुए हैं.’

शिवपाल ने कहा कि पिछली बसपा सरकार में तानाशाही के खिलाफ प्रदर्शन में पार्टी के अनेक लोग घायल हुए लेकिन रामगोपाल किसी से मिलने तक नहीं गए. अब तो पराकाष्ठा हो गई है. रामगोपाल ने भ्रम फैलाकर महागठबंधन तुड़वाया था. उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ‘रामगोपाल ने अपनी मेधा का प्रयोग केवल षडयंत्र करने और गिरोह बनाने में किया है.’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *