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सेवा क्षेत्र में काम करने वाले मतदाताओं के लिए ई-डाक मतदान प्रणाली

voteनई दिल्ली, केंद्र सरकार ने सशस्त्र बलों के कर्मियों सहित सेवा क्षेत्र में काम करने वाले मतदाताओं को ई-डाक के जरिए मतदान करने की सुविधा प्रदान की है। सरकार ने इसके लिए 21 अक्टूबर को अधिसूचना जारी कर चुनाव नियमावली, 1961 के नियम 23 में संशोधन किया हैं । इस प्रणाली के तहत उनको एक खाली डाक मतपत्र इलेक्ट्रॉनिक तरीके से भेजा जाएगा। इस तरीके से डाक सेवा द्वारा मतपत्र भेजने और फिर मंगाने की प्रक्रिया में लगने वाले समय में काफी बचत होगी। दूर और सीमावर्ती क्षेत्रों में कार्यरत खासकर सशस्त्र बलों के कर्मियों को काफी फायदा होगा क्योंकि डाक सेवाओं द्वारा मतपत्र को दो तरह से संचरण (भेजने-लाने) की वर्तमान प्रणाली मतदाताओं की अपेक्षाओं को पूरा करने में सक्षम नहीं थी। दूर और सीमावर्ती क्षेत्रों में कार्यरत खासकर सशस्त्र बलों के कर्मियों को जिस तरह की कठिनाईयां और मुसीबतें झेलनी पड़ती थी, हालिया समय में सरकार का ध्यान इस ओर गया।

नीला गोखले बनाम भारत सरकार और एएनआर (रिट याचिका सं 1005/2013) के द्वारा यह मामला उच्चतम न्यायालय में भी गया, जिसके जरिए ये मांग की गई कि सशस्त्र बलों के कर्मियों (एएफपी) और उनके परिवार के सदस्यों को मत देने की प्रक्रिया को और सुलभ बनाने के लिए कोई प्रभावी तंत्र विकसित किया जाए। उपरोक्त आलोक में सरकार ने दूर और सीमावर्ती क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए मतदान की प्रक्रिया में सुगमता लाने हेतु चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया। तब चुनाव आयोग की तकनीकी टीम के एक प्रणाली विकसित की जिसमें खाली डाक मतपत्र इलेक्ट्रॉनिक रूप से अर्थात ई-डाक मतपत्र मतदाता को भेजा जा सकता है। वैसे मतदाता जो पोस्टल मतपत्र के योग्य हैं डाक मतपत्र को डाउनलोड कर प्रिंट निकाल सकते हैं। वर्तमान के पोस्टल मतदान प्रणाली में डाक मतपत्र में अपना वोट दर्ज करने के बाद फिर डाक के जरिए ही हम उसे संबंधित निर्वाचन अधिकारी को भेज देते थे। चुनाव आयोग ने यह प्रस्ताव किया कि चुनाव नियमावली, 1961 के नियम 18 में उल्लेखित मतदाता ई-डाक मतपत्र प्रणाली के योग्य हो सकते हैं।

भारत सरकार ने 21 अक्टूबर 2016 को अधिसूचना जारी कर चुनाव नियमावली, 1961 के नियम 23 में संशोधन करते हुए प्रारंभिक तौर पर (अ) भारत सरकार के सशस्त्र बलों के कर्मियों (ब) सेना अधिनियम, 1950 के प्रावधानों तहत आने वाले अन्य बलों के कर्मी (स) राज्य के बाहर काम कर रहे राज्यों के सशस्त्र बलों के कर्मी और (द) भारत से बाहर भारत सरकार के अधीन कार्यरत कर्मियों के लिए यह सेवा शुरू की गई है। दो-तरफा इलेक्ट्रॉनिक संचरण सुरक्षा और गोपनीयता कारणों से निर्वाचन आयोग द्वारा अनुशंसित नहीं किया गया है। डाक मतपत्र का एक तरफ से इलेक्ट्रॉनिक संचरण मतगणना की तय तारीख से निर्वाचन अधिकारी तक मत देने के बाद मतपत्र की डाक से प्राप्ति में लगने वाले समय में कटौती करेगा। मुख्य रूप से दूर और सीमावर्ती क्षेत्रों में कार्यरत खासकर सशस्त्र बलों के कर्मियों को काफी लाभ मिलेगा।

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