Breaking News

सोनी सोरी- अन्याय के खिलाफ नारी संघर्ष का प्रतीक

soni_sori_protest_624x351_रायपुर,  आज समाजसेवी सोनी सोरी का नाम, उस नारी का नाम है जो अन्याय के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक है। सोनी सोरी का ये संघर्ष छत्तीसगढ़ मे आदिवासियों के साथ हो रहे अत्याचार, छत्तीसगढ़ में  आदिवासी महिलाओं के साथ सुरक्षा बलों द्वारा की गई यौन हिंसा आदि के खिलाफ है। 20  फरवरी को सोनी सोरी एक बार फिर हमले का शिकार हुई। सोनी सोरी के अनुसार 20  फरवरी रात 10 बजे के आसपास जब मैं जगदलपुर से लगभग 65 किलोमीटर दूर अपने घर गीदम जा रही थी, उसी समय बास्तानार के पास मेरी गाड़ी को अज्ञात मोटरसाइकिल सवारों ने रोका. मुझे गाड़ी से उतारा और धमकी दी. इसके बाद मेरे चेहरे पर कोई ज्वलनशील पदार्थ मल दिया.”

घटना के बाद सोनी सोरी का गीदम के अस्पताल में प्राथमिक उपचार किया गया. गीदम अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद रात में ही सोनी सोरी को बस्तर के मुख्यालय जगदलपुर के महारानी अस्पताल में भर्ती कराया गया.जगदलपुर के महारानी अस्पताल में भर्ती सोनी सोरी की स्थिति ठीक नहीं थी.उनके चेहरे पर सूजन आ गई थी और कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था.सोनी सोरी को दिल्ली के अपोलो अस्पताल लाया गया जहां वो आईसीयू में भर्ती हैं. उनके चेहरे पर लगाए गए केमिकल पदार्थ की वजह से उनकी त्वचा जल गई है और काली पड़ गई है.दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया है.  सोनी सोरी के होंठ और आंख समेत पूरे चेहरे पर बहुत सूजन है. अपोलो अस्पताल की विज्ञप्ति के मुताबिक, “सोनी को ठीक होने में अभी कुछ हफ़्ते तक लग सकते हैं. उनकी आंखों की रोशनी फ़िलहाल सलामत है और उनकी जान को ख़तरा नहीं है.” sonisoriaap

सोनी सोरी का आरोप है कि वो पिछले दिनों आदिवासियों के ख़िलाफ़ सुरक्षा बलों के ओर से प्रताड़ना के मामलों में एफ़आईआर दर्ज करवाने की नाकाम कोशिशें करती रही हैं और इन वजहों से हो सकता है उन्हें निशाना बनाया गया हो.सोनी सोरी को पिछले दस दिनों से धमकियां मिल रही थीं और अब उनकी 15 साल की बेटी और साथियों को धमकियां दी जा रही हैं.सोनी के मुताबिक इसी महीने उनके घर मे किसी अज्ञात व्यक्ति ने तीन पर्चे फेंके थे, जिनमें उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी.सोनी सोरी ने अपने सहयोगी का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें पहले से ही आशंका थी कि उन पर इस तरह का हमला हो सकता है.

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए इस हमले के लिए सोनी सोरी ने पुलिस को ही ज़िम्मेदार ठहराया है. लेकिन पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप ने कहा है कि ये सभी आरोप निराधार हैं और वो इनका कड़े शब्दों में खंडन करते हैं.दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक  का कहना है कि सोनी सोरी के चेहरे पर केवल कालिख मली गई है, एसिड नहीं.पुलिस अधीक्षक कश्यप ने  बताया कि जिस समय इस घटना की ख़बर मिली, पुलिस का अमला फ़ौरन सोनी सोरी तक पहुंचा और गीदम के अस्पताल में उनका प्राथमिक उपचार किया गया. हमारी डाक्टरों से भी बातचीत हुई, पूरी रिपोर्ट से साफ हुआ कि उनके चेहरे पर कालिख मली गई थी. घटना को अज्ञात लोगों ने अंजाम दिया है और मामले की जांच चल रही है.”

अक्तूबर 2011 मे, सोनी सोरी को  क्राइम ब्रांच और छत्तीसगढ़ पुलिस के संयुक्त अभियान में माओवादियों के साथ संबंध होने के आरोप में दिल्ली से गिरफ़्तार किया गया था.पर सोनी पर लगाए गए आठ मामलों में से सात में वो बरी हो चुकी हैं और एक में उन्हें ज़मानत मिली हुई है. हिरासत में लिए जाने के एक हफ्ते के अंदर ही सोरी ने ये इल्ज़ाम लगाया था कि पुलिस हिरासत में उनके साथ बलात्कार किया गया और उनके गुप्तांगों में पत्थर डाले गए.सुप्रीम कोर्ट के सामने दिए इस बयान में उस व़क्त दंतेवाड़ा के एसपी अंकित गर्ग का नाम भी लिया गया था हालांकि उस मामले में अभी सुनवाई शुरू नहीं हुई है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *