अब इन अस्पतालों में डॉक्टर नहीं कराएंगे नॉर्मल डिलीवरी…
March 14, 2019
नई दिल्ली,सरकारी अस्पतालों में नॉर्मल डिलीवरी अब डॉक्टर नहीं कराएंगे. ये जिम्मेदारी मिडवाइव्स की होगी. प्रेग्नेंसी के सिर्फ जटिल मामले ही मेडिकल ऑफिसर को दिए जाएंगे. सरकारी अस्पतालों में नार्मल डिलीवरी कराने की जिम्मेदारी अब मिडवाइव्स के कंधों पर होगी. देश में चिकित्सकों की कमी के चलते बड़ी संख्या में माताओं और नवजातों की मौत को देखते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है. प्रेग्नेंसी के जटिल मामलों को ही गायनेकोलॉजिस्ट को रेफर किया जाएगा.
फैसले के मुताबिक सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में नॉर्मल डिलीवरी कराने की जिम्मेदारी मिडवाइव्स की होगी. 4 साल की बीएससी नर्सिंग करने के बाद डेढ़ साल का एक अलग से ट्रेनिंग कोर्स कराया जाएगा. ट्रेनिंग कोर्स पूरा होने के बाद छात्र-छात्राएं मिडवाइव्स कहलाएंगी. वहीं डिलीवरी कराने से लेकर नवजात की शुरुआती देखभाल, स्क्रीनिंग और इलाज की जिम्मेदारी भी इन्हीं मिडवाइ्व्स के पास होगी.
मई-जून तक नर्सों को मिडवाइव्स बनाने की ट्रेनिंग देने वाले ट्यूटर की ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी. इसके लिए देश में 6 से 7 राष्ट्रीय और क्षेत्रीय इंस्टीट्यूट की पहचान की गई है. सरकार को उम्मीद है कि अगर सभी नॉर्मल डिलीवरी मिडवाइव्स की देखरेख में होंगी तो देश में करीब 83 फीसदी मां, नवजात की मृत्यु दर को कम किया जा सकता है. वहीं इस निर्णय के बाद बड़े अस्पतालों में मरीजों की भीड़ भी कम हो जाएगी.देश में अभी 79 फीसदी डिलीवरी ही अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों में हो पा रही है. सुरक्षा से जुड़े इन सवालों के बीच मिडवाइव्स को दी गई ये जिम्मेदारी कारगर साबित हो सकती है.