नई दिल्ली, मां-पिता में से सिर्फ किसी एक के जीन से भ्रूण को Ivy लीग अमेरिकन यूनिवर्सिटीज, हार्वर्ड और ब्राउन द्वारा प्रोड्यूस किए जाने पर रिसर्च किया गया.वैज्ञानिकों ने मां के बिना बच्चे के जन्म यानी embryo farming को in-vitro gametogenesis (IVG) कहा है. ये तकनीक डिजाइनर बेबीज बनाने की तकनीक में भी मददगार साबित हो सकती है.
मां के बिना बच्चे (मदरलेस चाइल्ड) के जन्म लेने की उम्मीद वैज्ञानिक तब से कर रहे हैं, जब से वे स्किन से स्पर्म और ऐग बनाने के प्रोसेस को डेवलप कर रहे हैं. ये स्टडी जर्नल साइंस ट्रांस्लेशन मेडिसिन में पब्लिश हुई.2016 में यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ में वैज्ञानिकों ने ऐसी तकनीक विकसित कर ली थी, जिसमें एक चूहे को फीमेल चूहे के बग़ैर जन्म दिया जा सकता था.
इस तकनीक में एग को योजना के तहत, बिना फर्टिलाइजेशन के भ्रूण में विकसित किया गया था. ऐसा तब हो पाया था, जब उसमें स्पर्म इंजेक्ट किया गया था. उसके बाद चूहा बिना मां के जन्म ले सकता था. उसके विकास की दर 24 फीसदी थी.रिपोर्ट के लेखकों ने ये भी चेतावनी दी है कि मां के बिना बच्चा जन्म लेने की तकनीक माता-पिता को दर्जनों भ्रूणों में से चयन करने, डिजाइनर शिशु बनाने के लिए भी सक्षम बनाएगी.
ब्राउन यूनिवर्सिटी के मेडिसिन और बायोलॉजिकल साइंस के पूर्व डीन डॉक्टर अदाशी ने रिपोर्ट में लिखा, IVG तकनीक इन विटरो फर्टिलाइज़ेशन तकनीक में भी क्रांति ला सकती है.वैज्ञानिकों ने ये भी कहा कि IVG तकनीक का अमल में लाया जाना, उसके खर्च पर भी निर्भर करेगा. यदि इस तकनीक से रिप्रोडक्टिव अंगो के बिना स्पर्म और एग प्रोड्यूस होने लगे तो ये उन लोगों के लिए मददगार साबित होगी, जो प्रजनन से जुड़ी परेशानियों से जूझ रहे हैं. स्टडी में ये भी कहा गया कि माता-पिता में से किसी एक के जीन से बच्चे का निर्माण उसके स्वास्थ्य के लिए बहुत जोखिम भरा हो सकता है.