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अयोध्या में हुआ राष्ट्रीय सीनियर तीरंदाजी प्रतियोगिता का आगाज

अयोध्या, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में भारतीय तीरंदाजी संघ और उत्तर प्रदेश तीरंदाजी संघ के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय सीनियर तीरंदाजी प्रतियोगिता को राष्ट्रीय तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने तीर चलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

श्री अर्जुन मुण्डा आज यहां एनटीपीसी राष्ट्रीय सीनियर तीरंदाजी प्रतियोगिता का राजकीय इंटर कालेज अयोध्या में अपने उद्घाटन उद्बोधन में कहा “ यह अयोध्या की धरती है, जिससे निकलकर भगवान श्रीराम ने अपने धनुष बाण के साथ मर्यादा का पालन करते हुए दुष्टों का नाश किया। यहां इस प्रतियोगिता का आयोजन हमें हमारे लक्ष्य से जोडऩे की दिशा में आगे ले जायेगा। जिसके तहत 2047 तक वैभवशाली भारत, शक्तिशाली भारत एवं एक भारत, श्रेष्ठ भारत के स्वप्न को साकार करने का स्वप्न साकार करना है। ”

उन्होंने कहा कि तीरंदाजी इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। एशियाई खेलों में 111 पदक जहां राष्ट्रीय गौरव का विषय है वहीं बीते तीन सालों में तीरंदाजी में 194 अंतर्राष्ट्रीय पदक आये हैं, जिसमें 85 स्वर्ण पदक हैं। यह गौरव किसी खेल को नहीं प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि पैरा एशियाई खेलों में भी दो स्वर्ण, तीन रजत और दो कांस्य पदक आये हैं। एक प्रतिभागी ने पैर से तीर चलाकर स्वर्ण पदक भी जीता है।

उन्होंने कहा कि पदक तालिका में जहां हम पन्द्रहवें स्थान पर होते थे अब पांचवे स्थान पर पहुंच गये हैं। खेल के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधायें और उपकरण उपलब्ध कराने का प्रयास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत सरकार की ओर से चल रहा है। उनका विशेष ध्यान खेलों में भारत को आगे ले जाने में है। तीरंदाजी में देश में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। आज देश में पन्द्रह से अधिक तीरंदाजी प्रतियोगितायें हो रही हैं। जोनल एवं प्रांत स्तर की प्रतियोगिताएं इसमें शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश के खेल युवा कल्याण मंत्री गिरीशचन्द्र यादव ने भी समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि केन्द्र और प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशों पर चल रहे कार्यों का परिणाम है। खेलों के प्रति सरकार के सरोकार का पता इससे ही चलता है कि केन्द्र सरकार ने खेलों का बजट एक हजार करोड़ से बढ़ाकर तीन हजार करोड़ कर दिया है। उत्तर प्रदेश में कोई खेल नीति नहीं थी। खेल नीति अब बनी है। उन्होंने कहा कि विकास खण्ड स्तर पर मिनी स्टेडियम बनाकर गांव स्तर पर खेलों को प्रोत्साहित करने का कार्य प्रगति पर है। अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं के लिये पांच हाई परफार्मेंस और एक्सीलेंस सेंटर बनाये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वाराणसी में अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम आकार ले रहा है। पदक लाने वाले खिलाडिय़ों को क्लास टू की नौकरी देने का मार्ग मुख्यमंत्री के प्रयास से सफल हुआ। एक प्रतिभागी पारुल चौधरी जो दौड़ में बहुत पीछे चल रही थी इस नीति से प्रेरित होकर वह स्वर्ण पदक विजेता बनी। उसे हम शीघ्र नौकरी देने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पच्चीस फीसदी योगदान उत्तर प्रदेश का है।

इस अवसर पर प्रदेश तीरंदांजी संघ के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रोत्साहन से आगे बढ़ रहे प्रदेश के खेल कार्यक्रम में तीरंदाजी का उल्लेखनीय है। चार सौ छब्बीस खिलाडिय़ों को प्रदेश सरकार ने खेल कोटे से नौकरी दी है। उनमें तीरंदाजी के बहत्तर खिलाड़ी हैं।

प्रदेश तीरंदाजी संघ के महासचिव अजय गुप्ता ने भी कहा कि वर्ष दो हजार में पूरे देश में तीरंदाजी के एक हजार खिलाड़ी थे। आज अकेले उत्तर प्रदेश में चार हजार से अधिक तीरंदाजी खिलाड़ी हैं। इस अवसर पर जिलाधिकारी नितीश कुमार, पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार, प्रदेश तीरंदाजी संघ के उपाध्यक्ष एमएलसी विजय बहादुर पाठक, विधायक रामचन्द्र यादव, विधायक वेदप्रकाश गुप्ता, एनटीपीसी के नीरज कपूर, इंडियन बैंक के पंकज त्रिपाठी उपस्थित थे।

गौैरतलब है कि अयोध्या में शुरू हुई पांच दिवसीय नेशनल सीनियर तीरंदाजी प्रतियोगिता जीआईसी ग्राउंड में हो रही है। प्रतियोगिता 29 नवम्बर तक चलेगी। इस प्रतियोगिता में देश के सभी राज्यों से बारह सौ खिलाड़ी धुनर्धर भाग ले रहे हैं।