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आजादी के अमृतकाल के लिए मोदी ने दिया पंचप्राण का मंत्र

नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर आज देश को पंचप्राण का मंत्र दिया और देशवासियों का आह्वान किया कि आज से शुरू हो रहे अमृत काल में हमें देश को मानव केन्द्रित विकसित भारत बनाने के लिए बड़े संकल्प और बड़े सपने को लेकर आगे की यात्रा आरंभ करें।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से देश के 76वें स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “आने वाले 25 साल के लिए हमें ‘पंच प्रण’ पर अपनी शक्ति, संकल्पों और सामर्थ्य को केंद्रित करना होगा।” उन्होंने कहा कि पहला प्राण है – अब देश बड़े संकल्प लेकर आगे चलेगा और वह संकल्प है विकसित भारत बनाना। दूसरा प्राण है – किसी भी कोने में मन के भीतर यदि गुलामी का एक भी अंश है तो हमें उससे मुक्ति पानी ही होगी। तीसरा प्राण है – हमें हमारी विरासत पर गर्व है। चौथा प्राण है – एकता एवं एकजुटता और पांचवां प्राण है -नागरिकों का कर्त्तव्य।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश की युवा पीढ़ी आकांक्षी पीढ़ी है और वह भारत को अपनी आंखों के सामने ही विकसित देखना चाहती है। जो नौजवान आज 25 वर्ष के हैं वे आजादी के शताब्दी वर्ष में 50-55 वर्ष के होंगे। उनके जीवन का स्वर्णिम काल भारत के सपनों को पूरा करने का काल है। उन्होंने कहा कि नौजवान बड़े संकल्प लेकर चल पड़ें अब देश रुकने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि हम मानव केन्द्रित व्यवस्था विकसित करेंगे। मानव केन्द्रित विकास के लिए दुनिया के सामने एक मिसाल बनें।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के नागरिकों द्वारा स्वच्छता से लेकर बिजली एवं पानी तक अनेक क्षेत्र में हासिल उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि आने वाले 25 साल हमें प्राण और प्रण से जुटना चाहिए और हर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत कोई सरकार का ही कार्यक्रम नहीं है। यह समाज का सपना है। हर नागरिक का दायित्व है। 130 करोड़ भारतीयों की टीम इंडिया भारत के सपने साकार करेगी।