हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि खरमास का महीना शुभ नहीं होता है. इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य करने से परहेज करना चाहिए. आज से खरमास (मलमास) 15 मार्च से शुरू हो गया है. यह मुहूर्त लगते ही. सभी शुभ कार्यों पर रोक लगा दिया जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि खरमास को शुभ नहीं माना गया है.हिंदू पंचांग के मुताबिक़, तीन साल बाद मलमास का महीना पड़ता है. जिस मास में सूर्य की संक्रांति नहीं होती है उस मास को मलमास माना जाता है. आइए जानते हैं इस दौरान कौन से काम नहीं करने चाहिए.
खरमास में शादी जैसा शुभ कार्य बिल्कुल भी नहीं होता है.खरमास के दौरान कुछ नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण माना जाता है. खरमास के प्रारंभ होने के बाद घर या किसी अन्य भवन का निर्माण पूर्णतः वर्जित है. इस दौरान भवन निर्माण सामग्री लेना भी अशुभ होता है.विवाह और उपनयन जैसे शुभ संस्कार भी इस दौरान पूर्णतः वर्जित रहते हैं. इसके अलावा गृह प्रवेश जैसे कार्य भी इस दौरान नहीं होने चाहिए.
इस महीने किसी संपत्ति अथवा भूमि की खरीद भी बेहद अशुभ होती है. इस महीने के दौरान इससे बचना चाहिए. खरमास की शुरुआत के बाद नया वाहन खरीदने से भी बचना चाहिए.खरमास की अवधि किसी भी शुभ कार्य के लिए अशुभ मानी जाती है. इसी कारण इस दौरान सारे महत्वपूर्ण कार्य जैसे शादी, यज्ञोपवीत, गृहप्रवेश इत्यादि नहीं आयोजित किए जाते. खरमास का पालन मुख्य रूप से उत्तर भारत में बिहार झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में किया जाता है.
प्राचीन खगोलशास्त्र के अनुसार हिंदू पंचांग की गणना की जाती है. इसके अनुसार जब सूर्य 12 राशियों का भ्रमण करते हुए बृहस्पति की राशियों धनु और मीन में प्रवेश करता है, तो अगले 1 महीनों तक खरमास रहता है. इन 30 दिनों की अवधि को शुभ नहीं माना जाता है. सूर्य प्रत्येक राशि में एक माह रहता है. इस हिसाब से 12 माह में वह 12 राशियों में प्रवेश करता है. सूर्य का भ्रमण पूरे साल चलता रहता है.