उत्तर प्रदेश मे, मत्स्य पालन को मिला, कृषि का दर्जा

लखनऊ,  उत्तर प्रदेश सरकार ने मत्स्य पालकों को बडी राहत देते हुए इस व्यवसाय को आज कृषि का दर्जा देने की घोषणा की।

राज्य के कृषि उत्पादन आयुक्त चन्द्र प्रकाश ने इस घोषणा के बाद मत्स्य पालकों को किसानों की तरह सभी सुविधाएं दिये जाने के लिये संबंधित विभागों को आदेश जारी कर दिये। उन्होंने कहा कि इससे उत्पादन के लिए लागत में कमी आयेगी तथा मत्स्य कृृषकों की आय में वृद्धि होगी।

कृृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में आज संपन्न बैठक में मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा दिये जाने के बाद ऊर्जा विभाग को निर्देशित किया गया कि मत्स्य पालकों को उनके तालाब का जलस्तर बनाये रखने के लिए कृषि की भांति रियायती दरों में विद्युत आपूर्ति की जाए। संभावित व्यय भार आकलन कर मत्स्य विभाग से बजट प्रावधान के लिए प्रस्ताव दिया जाए।

सिंचाई विभाग से कहा गया कि शासकीय ट्यूबवेल से उनके क्षेत्र में पड़ने वाले तालाबों को कृषि की भांति निर्धारित दरों पर तालाबों को पानी उपलब्ध कराया जाए। नहरों से भी पानी तालाबों को दिया जाए।

राजस्व विभाग तालाबों के लगान के संबंध में मत्स्य जीवी सहकारी समितियों को आवंटित 2.0 हेक्टेयर से ऊपर के जलक्षेत्र के लगान को 0.2 से 2.0 हे0 के तालाबों के लगान की दर से निर्धारित करने संबंधी शासनादेश निर्गत किया जाए। उन्होंने दैवीय आपदा के कारण मत्स्य पालकों के तालाबों में होने वाले नुकसान की दशा में कृृषकों की भांति लगान माफीए बैंक ऋण वसूली के स्थगन संबंधी शासनादेश यथा शीघ्र नियमानुसार जारी कराने के निर्देश दिये गये।

मत्स्य पालकों को कर एवं निबन्धन विभाग से मिलने वाली सुविधाओं की चर्चा करते हुए श्री चन्द्र प्रकाश ने कहा कि 0.2 हे0 से 2.0 हे0 तथा 2.0 हे0 से ऊपर के ऐसे तालाब जो मत्स्य जीवी सहकारी समितियों को पट्टे पर आवंटित है, उनके पंजीयन के लिए लगने वाले स्टाम्प मुक्त रखने संबंधी शासनादेश निर्गत किया जाए।

कृषि उत्पादन आयुक्त ने कृषकों की भांति मत्स्य पालकों को भी रियायती दरों पर बैंक ऋण की सुविधा एवं दुर्घटना बीमा से लाभान्वित करने के लिए मत्स्य विभाग को सुसंगत प्रस्ताव संस्थागत वित्त विभाग को प्रेषित करने का निर्देश दिये गये। बैठक में कहा गया कि कृृषि विभाग के अधिकारियों से तालाब के बन्धों की अनुपयोगी भूमि पर फलए सब्जी आदि के उत्पादन के लिए कृषकों की भांति मत्स्य पालकों को भी नियमानुसार लाभ दिये जाएं।