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कल से शुरू नवरात्रि,जानिए कैसे करें पूजन, महत्व और मुहूर्त….

हमारे सनातन धर्म में नवरात्रि का पर्व बड़े ही श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। हिन्दू वर्ष में चैत्र, आषाढ़, आश्विन, और माघ, मासों में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है जिसमें दो नवरात्र को प्रगट एवं शेष दो नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहा जाता है.

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इस बार गुप्त नवरात्रि 3 जुलाई से शुरू हो रही हैं. इस दौरान देवी भगवती के भक्त बेहद कड़े नियम के साथ मां के व्रत और साधना करते हैं. इस दौरान लोग विधि अनुसार पूजन करके देवी का आशीर्वाद पाने के साथ साथ सभी समस्याओं से मुक्ति पा लेते है.

नवरात्रि से एक दिन पहले घर के मंदिर की साफ सफाई कर लें.

देवी को अर्पण करने के लिए रोली मौली साबुत चावल, धूप, दीप, लौंग, इलायची, सुपारी, जायफल, कुमकुम, मेहंदी, लाल और पीला वस्त्र आदि समस्त सामग्री को पहले से ही लाकर घर के पवित्र स्थल पर रख लें.

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घर मे प्याज लहसुन तामसिक चीजों का प्रयोग गुप्त नवरात्रि के दौरान बिल्कुल न करें.

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गुप्त नवरात्र के दौरान आदि शक्ति के(दसस्वरूप) महाविद्या मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की विधि विधान से पूजा की जाती है.

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घर के मंदिर में देवी दुर्गा के चित्र को स्थापित करें. रोली मौली आदि समस्त सामग्री अर्पण करें तथा लाल चंदन या रुद्राक्ष की माला से निम्न मंत्र का जाप करें.

   ( ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाये विच्चे )

जाप के बाद छोटी कन्याओं को मिठाई और फल बाटें.

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