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चुनाव आयोग रिश्वत मामला: दिनाकरण के साथ तमिलनाडु जाएगी दिल्ली पुलिस

नई दिल्ली, चुनाव आयोग रिश्वत मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस चेन्नई से दिल्ली पैसे पंहुचाने के लिए इस्तेमाल किए गए ‘गैरकानूनी माध्यमों’ के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल करने के लिए अन्नाद्रमुक नेता टीटीवी दिनाकरण और उनके साथी के साथ आज तमिलनाडु जाएगी।

अपराध शाखा दल दिनाकरण और मल्लिकार्जुन के साथ चेन्नई रवाना होगा। पुलिस ने शहर की अदालत से दिनाकरण और मल्लिकार्जुन के चेन्नई निवासों की तलाशी करने के वारंट हासिल कर लिए हैं। पुलिस गिरफ्तार किए गए मध्यस्थ सुकेश चंद्रशेखर के साथ दिनाकरण और मल्लिकार्जुन से उनके बीच धन के लेन-देन एवं फोन पर हुई बातचीत के संबंध में भी पूछताछ करेगी। चेन्नई में पुलिस उन फोनों को बरामद करने की कोशिश भी करेगी जिनका इस्तेमाल दिनाकरण से चंद्रशेखर से बातचीत करने के लिए किया गया था।

दिनाकरण को चुनाव आयोग के एक अज्ञात अधिकारी को अन्नाद्रमुक ‘दो पत्ती’ वाला चुनाव चिन्ह अपने खेमे को देने के लिए कथित तौर पर रिश्वत देने के मामले में चार दिन तक चली पूछताछ के बाद मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने पहले कहा था कि अन्नाद्रमुक गुट को ‘दो पत्ती’ वाला चुनाव चिन्ह दिलवाने के लिए चंद्रशेखर ने 50 करोड़ रूपए का सौदा किया था। 16 अप्रैल को दिल्ली के पंचसितारा होटल से जब उसे (चंद्रशेखर) गिरफ्तार किया गया था तब उसके पास 1.30 करोड़ रूपए थे। पुलिस उपायुक्त (अपराध) मधुर वर्मा ने बताया कि दिनाकरण को कथित तौर पर अज्ञात स्रोतों से राशि का प्रबंध करने और उसे गलत माध्यमों के जरिए चेन्नई से दिल्ली पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। मल्लिकार्जुन को चेन्नई से दिल्ली धन पंहुचाने में कथित तौर पर दिनाकरण की मदद करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि चंद्रशेखर ने चुनाव आयोग के किसी अधिकारी से दिनाकरण गुट के पक्ष में फैसला हासिल करने के लिए संपर्क किया था या नहीं। चंद्रशेखर की गिरफ्तारी के बाद से अन्नाद्रमुक (अम्मा) के नेता पुलिस की जांच के दायरे में आ गए हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी और उनके पूर्ववर्ती ओ पनीरसेल्वम के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी धड़ों के विलय के प्रयासों के बीच दिनाकरण को पार्टी में अलग-थलग कर दिया गया है। दिनाकरण को अन्नाद्रमुक प्रमुख वी एस शशिकला ने पार्टी का उप महासचिव नियुक्त किया था। सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक (अम्मा) पार्टी के ताकतवर खेमे ने हाल ही में शशिकला और दिनाकरण के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह किया था। यह स्थिति तब उत्पन्न हुई जब विपक्षी खेमे का नेतृत्व कर रहे पनीरसेल्वम ने विलय के लिए शशिकला और दिनाकरण को बाहर निकालने की शर्त रखी दी।