नयी दिल्ली, आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सार्वजनिक सभाओं पर दिल्ली पुलिस के प्रतिबंधों को वापस लेने को गुरुवार को लोगों की बड़ी जीत बताया।
श्री भारद्वाज ने आज बताया कि इस आदेश के खिलाफ लोगों में व्याप्त आक्रोश को देखते हुए श्री कालकाजी मंदिर के पुजारी ने इस मामले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने कहा कि आज सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दिल्ली पुलिस के आदेश को वापस लेने की घोषणा की।
उन्होंने इसे दिल्ली के लोगों की बड़ी जीत और उपराज्यपाल वीके सक्सेना की बड़ी हार बताया। उन्होंने कहा कि भारत जैसे संप्रभु, लोकतांत्रिक देश में इस तरह का “तानाशाही” आदेश नहीं चल सकता। “यह उपराज्यपाल के लिए शर्मनाक हार है, जिसे दिल्ली के लोगों पर थोपा गया था। केंद्र सरकार और उसके वकील जानते थे कि इस तरह के बेतुके आदेश एक संप्रभु, स्वतंत्र देश में लागू नहीं किए जा सकते। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि आप पूरे शहर में कर्फ्यू लगा सकते हैं। अगर कोई समस्या है, तो उसका समाधान खोजें।
उन्होंने कहा यह दिल्ली के लोगों और खासकर हिंदू भक्तों के लिए जीत का क्षण है, जो इस बात को लेकर चिंतित थे कि वे अपने धार्मिक त्योहार कैसे मनाएंगे। उन्होंने कहा कि इस आदेश को वापस लेना लोगों की आवाज़ की ताकत को दर्शाता है।
‘आप’ नेता ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की चुप्पी की भी निंदा करते हुए कहा कि य़ह दोनों ही इस आदेश के खिलाफ़ बोलने में विफल रहे। उन्होंने कहा, “इस आदेश को पारित हुए तीन दिन हो चुके हैं, फिर भी हिंदू धर्म की रक्षा करने का दावा करने वाली भाजपा ने इसके खिलाफ़ एक भी शब्द नहीं कहा, यह बड़ी ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है I