लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई समाजवादी पार्टी के विधानमंडल दल की बैठक में पार्टी के सभी विधानसभा सदस्यों एवं विधान परिषद सदस्यों ने सर्व सम्मति से विधानमंडल दल के नेता पद पर अखिलेश यादव का निर्वाचन हुआ। जबकि विधान परिषद में नेता के चुनाव के लिए अखिलेश यादव को अधिकृत कर दिया गया है।
समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि अखिलेश यादव को नेता विधानमंडल दल बनाने का प्रस्ताव पूर्व मंत्री बलराम यादव और प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने किया। जबकि विधान परिषद में नेता चयन का अधिकार अखिलेश यादव को देने का प्रस्ताव स्वयं राजेंद्र चौधरी ने प्रस्तुत किया।
बैठक को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनावों के नतीजों का जिक्र करते हुए कहा कि इन चुनावों में राजनीतिक भ्रष्टाचार का परिचय भाजपा ने कराया है। भाजपा सरकार के पास उत्तर प्रदेश के विकास की कोई योजना नहीं है। झूठे वादों से यह सरकार बनी है। प्रदेश की जनता को सुनियोजित तरीके से गुमराह किया गया है। यह भ्रष्ट राजनीति का एक नया रूप सामने आ रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि देश की राजनीति एक खतरनाक मोड़ पर है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अपने कट्टरपंथी एजेंडा को भाजपा सरकारों के माध्यम से लागू करने की साजिश कर रहा है। देश का धर्मनिरपेक्ष स्वरूप इससे खतरे में पड़ जाने की आशंका है। अखिलेश ने कहा कि लोकतंत्र की व्यवस्था में सरकारों में उलटफेर होता रहा है। फिर भी यह उल्लेखनीय है कि विधानसभा के ये चुनाव विकास और जनहित के मुद्दों से हटकर हुए हैं।
उन्होने कहा कि समाजवादी सरकार ने जनकल्याण की जो तमाम योजनाएं बनाई उनका अनुसरण करने को दूसरे राज्यों की सरकारें भी विवश हुईं। मेट्रो, एक्सप्रेस-वे, गोमती नदी के तटों के सौंदर्यीकरण, जनेश्वर मिश्र पार्क और समाजवादी पेंशन जैसी तमाम योजनाएं लागू की गई जिससे प्रदेश में विकास को गति मिली। किसानों की खुशहाली और कृषि की उन्नति समाजवादी सरकार की प्राथमिकता रही है। समाजवादी सरकार में विकास का बुनियादी ढ़ांचा विकसित किया गया। यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार ने जनता का पैसा जनहित के कार्यो में ही खर्च किया। फिजूलखर्ची और भ्रष्टाचार पर रोक लगाई।
उन्होंने कहा कि हमें अपने सिद्धांतों और कार्यक्रमों को लेकर फिर जनता के बीच जाना है। अगले कुछ दिनों में प्रदेशवासी स्वयं महसूस करने लगेंगे कि वादे निभाने वाली समाजवादी सरकार और बहकाने वाली भाजपा सरकार में क्या अंतर है। अखिलेश ने आह्वान किया कि सभी विधायकों, पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को तुरंत पार्टी के सदस्यता अभियान से जुड़ जाना चाहिए। 15 अप्रैल 2017 से दो माह तक यह अभियान चलेगा।