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फिल्मकारों को मिले डॉक्युमेंट्री निर्माता जैसी आजादी- मधुर भंडारकर

मुंबई,   विवादित आपातकाल की पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म ‘इंदु सरकार’ लेकर आ रहे फिल्मकार मधुर भंडारकर का मानना है कि फिल्मकारों को लेखक और डॉक्युमेंट्री निर्माता की तरह ही स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। भंडारकर और कीर्ति कुलहरि ने बुधवार को फिल्म ‘इंदु सरकार’ का यहां ट्विटर ऑफिस में प्रचार किया। भंडारकर ने कहा, फिल्म को लेकर आपत्ति जताया जा रहा है, लेकिन लोगों ने अभी तक फिल्म नहीं देखी है..मैं इसका कारण समझ नहीं पा रहा..लोगों ने आपातकाल पर किताबें लिखी हैं।

इस विषय पर कई आलेख लिखे गए हैं और कई डॉक्युमेंट्री बनाए गए हैं, किसी ने उनका विरोध नहीं किया तो फिर फिल्म बनाने पर विरोध क्यों? भंडारकर के मुताबिक लोग कह रहे हैं कि वे कानूनी सहारा लेंगे, क्योंकि कई राजनीतिक लोगों को फिल्म पर आपत्ति है, इसलिए मुझे लगता है कि फिल्मकारों को लेखकों और डॉक्युमेंट्री निर्माता की तरह ही स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह अपनी फिल्म को सेंसर बोर्ड भेजेंगे और फिर वह देखेगें कि वे उनके साथ क्या बात करते हैं।

सेंसेर बोर्ड से उन्हें स्पष्ट रूप से सुझाव मिल जाएगा कि फिल्म में उन्हें संवाद या किरदारों के नाम के मामले में क्या बदलाव करना है। फिल्म के किरदार भारत की पूर्व प्रधानमंत्री  इंदिरा गांधी और उनके दिवंगत बेटे संजय गांधी से प्रेरित हैं। फिल्म के गाने चढ़ता सूरज के लांच के बारे में भंडारकर ने कहा कि 1970 के दशक के गानों की रीमेक बनाने का चलन आजकल बढ़ गया है और उनके पास विकल्प था। उनकी सहयोगी संगीत कंपनी के पास कई गानों का अधिकार होने के कारण उन्होंने इस कव्वाली को फिल्म में लिया।

यह कव्वाली हर क्षेत्र से जुड़े हर शख्स के लिए उपयुक्त है। अभिनेत्री कीर्ति कुलहरि ने कहा कि यह कव्वाली फिल्म के दर्शन और भाव को परिलक्षित करता है। फिल्म में तोता रॉय चौधरी, नील नितिन मुकेश और अनुपम खेर भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं। फिल्म ‘इंदु सरकार’ 28 जुलाई को रिलीज होगी।