मच्छर काटने से हुई मौत को दुर्घटना मानें या नहीं..? सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया यह फैसला..
March 27, 2019
नई दिल्ली ,सुप्रीम कोर्ट के सामने एक अनोखा सवाल आया कि क्या मच्छर काटने से मलेरिया होने के कारण हुई मौत को ऐक्सिडेंट का केस माना जाए और ऐक्सिडेंटल इंश्योरेंस पॉलिसी का लाभ मिलेगा? शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के फैसले को पलटते हुए कहा कि कोई व्यक्ति फ्लू या वायरल का शिकार हो तो उसे दुर्घटना नहीं कहा जा सकता। यह महज इत्तफाक है। आयोग ने अपने फैसले में मलेरिया से हुई मौत को दुर्घटना के दायरे में बताया था।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा कि मलेरिया होना और इससे मौत होने को दुर्घटना के कारण हुई मौत कतई नहीं ठहरा सकता। वह भी खासकर मोजाम्बिक जैसे देश में, क्योंकि एक रिपोर्ट के मुताबिक वहां हर तीसरा शख्स मलेरिया से पीड़ित होता है। इससे पहले जिला व राज्य उपभोक्ता अदालत ने भी बीमाकर्ता के हक में फैसला सुनाते हुए मलेरिया से हुई मौत को दुर्घटना करार दिया था। नेशनल इंश्योरेंस ने राज्य उपभोक्ता आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। बीमा कंपनी का कहना था कि बीमा पॉलिसी के दायरे में दुर्घटना आती है। इस मामले में बीमाकर्ता की मौत मोजाम्बिक में मलेरिया से हुई और यह दुर्घटना की श्रेणी में नहीं आता।
हालांकि पीठ ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए कहा कि बीमा कंपनी अब तक जितना क्लेम दे चुकी है, उसकी रिकवरी न की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा 2018 में जारी मलेरिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि वर्ष 2017 में मोजांबिक में करीब 1 करोड़ मलेरिया के मामले सामने आए थे और इनमें से 14.7 हजार लोगों की की मलेरिया के कारण मौत हो गई थी।