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‘मन की बात’ मे बोले प्रधानमंत्री-भिन्नता के बावजूद, हम लोगों मे एक साथ जीने की कला है..

नई दिल्ली,  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 32वीं बार ‘मन की बात’ कार्यक्रम मे देश को संबोधित किया. अपने इस मासिक रेडियो संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने सभी देशवासियों को रमजान की शुभकामनाएं दी. उन्होंने युवाओं में देश के इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम को जानने की रुचि पर खुशी जाहिर की. साथ ही प्रधानमंत्री ने योग के प्रति लोगों में रुचि जगाने के साथ ही लोगों से कचरा प्रबंधन का आह्वान किया.

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 मोदी ने योग की खूबियों का जिक्र करते हुए  ‘सेल्फी विथ डॉटर’ की तर्ज पर इस बार तीन पीढ़ियों के साथ योग करने की तस्वीर उन्हें भेजने को कहा है. इसके साथ ही उन्होंने कचरा प्रबंधन पर जोर देते हुए देशवासियों से गीले और सूखे कचरे को अलग अलग रखने का आह्वान किया, ताकि इनका खाद बनाने या रीसाइकिल करने में इस्तेमाल किया जा सके.

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प्रधानमंत्री ने सबसे पहले सबको रमजान की मुबारकबाद देते हुये कहा कि रमजान में प्रार्थना और अध्यात्म है. भारत इस बात का गर्व कर सकता है कि दुनिया के सभी संप्रदाय के लोग इस देश में रहते हैं. मूर्ति पूजा का विरोधी और मूर्ति पूजा करने वाले लोग भी यहां एकसाथ रहते हैं. हम लोगों मे एक साथ जीने की कला है. रमजान का पवित्र महीना शांति और एकता के साथ आगे बढ़ने में सहायक होगा. हम एक बार फिर से सबको शुभकामनाएं देता हूं.

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मोदी ने एक बार फिर कहा कि नौजवान कंफर्ट जोन से बाहर निकलें. उनको नई चीजें सीखने के लिए ललक होनी चाहिए. मुझे यह जानकर खुशी है कि युवा पीढ़ी हमारे महापुरुषों के बारे में जानने में रुचि रखती है. आज वीर सवारकर जी की जन्मजयंती है. मैं देश के युवा पीढ़ी को जरूर कहुंगा कि अंडमान जाकर सेल्युलर जेल जाकर जरूर देखें.

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 पर्यावरण पर पीएम ने कहा कि 5 जून को महीने को पहला सोमवार है. 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. महात्मा गांधी कहते थे कि हम जो दुनिया नहीं देखेंगे हमें उसकी चिंता भी करनी चाहिए.

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 योग का महत्व बताते हुए मोदी ने कहा कि तनावमुक्त जीवन के लिए योग करना चाहिए. योग सिर्फ व्यायाम नहीं है. अभी दो दिन पहले ही योग को दिवस को लेकर विश्व की सभी सरकारों को चिट्ठी लिखी है. कुछ लोगों का सुझाव आया है कि इस बार एक ही परिवार की तीनों पीढ़ियां एक साथ योग करें और उसकी तस्वीर शेयर करें. मैं इस सुझाव के लिए धन्यवाद करता हूं. आप नरेंद्र मोदी एप औक मायगव एप पर इसको शेयर कर सकते हैं. मैं 1 जून से ट्विटर पर योग  से संबंधित बातें शेयर करुंगा.

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पीएम ने कहा कि सफाई एक आंदोलन बनना चाहिए. जहां जाता हूं वहां सफाई के कार्यक्रम किए जाते हैं.  उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि अब दो प्रकार के कूड़ेदान उपलब्ध कराए जाएंगे. सूखा कचरा नीले और गीला कचरा हरे कूड़ा डालें. ये सारी चीजें खेत के काम आती हैं. हरे कूड़ेदान में किचन से जुड़ा कूड़ा डालें. सूखे कचरे को मशीन में डालकर रिसाइकिल किया जाता है.

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मोदी ने कहा कि स्वच्छता के लिए हर बार हमें नए कदम उठाना है तभी हम गांधी जी का सपना पूरा कर पाएंगे. एक आदमी ठान ले तो क्या कर सकता है. मुंबई के वर्सोवा बीच का लोगों ने कायाकल्प कर दिया. एक सज्जन श्रीमान अफरोज शाह अक्टूबर 2015 से जुटे हुए थे. उनके युनाइटेड नेशंस की ओर से पुरस्कार दिया गया है. स्वच्छ भारत के अभियान के तहत जम्मू-कश्मीर का रियासी ब्लॉक खुले में शौच से मुक्त हो गया है. वहां की मां-बहनों ने इसके लिए जागरुकता फैलाई है. वहां के प्रशासकों और लोगों को बधाई देता हूं.

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पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 15 दिन, महीने से, लगातार अख़बार हो, टी.वी. चैनल हो, सोशल मीडिया हो, वर्तमान सरकार के 3 वर्ष का लेखा-जोखा चल रहा है.  3 साल पूर्व आपने मुझे प्रधान सेवक का दायित्व दिया था.  ढ़ेर सारे सर्वे हुए हैं, ढ़ेर सारे ओपीनियन पोल आए हैं. मैं इस सारी प्रक्रिया को बहुत ही अच्छे संकेत के रूप में देखता हूं. हर कसौटी पर इस 3 साल के कार्यकाल को कसा गया है. समाज के हर तबके के लोगों ने उसका विश्लेषण किया है और लोकतंत्र में एक उत्तम प्रक्रिया है और मेरा स्पष्ट मानना है कि लोकतंत्र में सरकारों को जवाबदेह होना चाहिए. जनता-जनार्दन को अपने काम का हिसाब देना चाहिए. मैं उन सब लोगों का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने समय निकाल करके हमारे काम की गहराई से विवेचना की, कहीं सराहना हुई, कहीं समर्थन आया, कहीं कमियाँ निकाली गई, मैं इन सब बातों का बहुत महत्व समझता हूं. मैं उन लोगों को भी धन्यवाद देता हूँ.  जो त्रुटियां होती हैं, कमियां होती हैं, वो भी जब उजागर होती हैं तो उससे भी सुधार करने का अवसर मिलता है. बात अच्छी हो, कम अच्छी हो, बुरी हो, जो भी हो, उसमें से ही सीखना है और उसी के सहारे आगे बढ़ना है. रचनात्मक आलोचना लोकतंत्र को बल देता है. एक जागरूक राष्ट्र के लिए, एक चैतन्य पूर्ण राष्ट्र के लिए, ये मंथन बहुत ही आवश्यक होता है.

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आखिर में पीएम ने कहा कि मान्य नागरिक की तरह मेरे ऊपर भी हर अच्छी बुरी बात का असर होता है. मन की बात कार्यक्रम ने मुझे हर परिवार का सदस्य बना दिया है. मेरे प्यारे देशवासियों अगली बार जब मिलेंगे तो बरसात आ चुकी है. रिजल्ट आ चुके होंगे.

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