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मोदी सरकार को अब “मन की बात” के बजाय, “काम की बात” करनी चाहिए- कांग्रेस

congres1नई दिल्ली,  मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले को पाकिस्तान के जून 2015 में लिए गए फैसले से प्रेरित बताकर कांग्रेस ने आज राजग सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि नोटबंदी के चलते देश की अर्थव्यवस्था बर्बाद हुई है और इसकी भरपायी करने की बजाए दिशाहीन और विकास की संभावनाओं से रिक्त बजट पेश किया गया।

कांग्रेस ने कहा कि सरकार को अब मन की बात के बजाय काम की बात करनी चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने केंद्रीय बजट पर लोकसभा में चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने नोटबंदी के लिए जिन दो कारणों भ्रष्टाचार से मुकाबला, काले धन और फर्जी मुद्रा की समाप्ति का हवाला दिया है, पाकिस्तान ने भी जून 2015 में इन्हीं कारणों के आधार पर नोटबंदी का ऐलान किया था। उन्होंने कहा कि अभी तक 22 देशों ने नोटबंदी की है लेकिन किसी ने भी इनमें से एक भी कारण नहीं गिनाया है। मोइली ने कटाक्ष करते हुए कहा, हमारे प्रधानमंत्री को भी यह इलहाम हुआ कि पाकिस्तान ने सही कदम उठाया था तो चलो हम भी इसका अनुसरण करें। पहली बार हमने पाकिस्तान का अनुसरण किया। यह अभूतपूर्व है..पाकिस्तान कतई अनुसरण के लायक नहीं है।

बजट की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि एक दूरदृष्टिपूर्ण और सुधार आधारित बजट पेश करने के लिए यह सही समय था और ऐसे बजट के आधार पर पकी फसल को भाजपा सरकार अगले दो साल तक काट सकती थी लेकिन उसने बिना इच्छाशक्ति और दूरदृष्टि के अभाव वाला बजट पेश किया। उन्होंने रेल बजट को आम बजट में समाहित किए जाने का सैद्धांतिक रूप से समर्थन किया लेकिन साथ ही कहा कि उम्मीद के मुताबिक बजट अर्थव्यवस्था से जुड़े कई गंभीर मामलों का जवाब नहीं दे पाया है। उन्होंने मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम द्वारा तैयार किए गए आर्थिक सर्वे की सराहना की लेकिन साथ ही कहा कि आर्थिक सर्वे और बजट में कोई तालमेल नहीं है। मोइली ने कहा कि बजट को देखकर लगता है कि विभिन्न मंत्रालयों के बीच समन्वय का अभाव है और नोटबंदी के फैसले के चलते आने वाली चुनौतियों के मुकाबले के लिए सरकार के पास कोई दृष्टि नहीं है। ऐसा ही आभास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सदन के बाहर और भीतर दिए जाने वाले बयानों से भी होता है। ऐसे में यह स्पष्ट नजर नहीं आता कि सरकार की दिशा क्या है और वह किस नीयत से आगे बढ़ रही है।

मोइली ने सरकार के इन आरोपों को गलत बताया कि उसे विरासत में एक कमजोर अर्थव्यवस्था मिली थी। उन्होंने कहा कि संप्रग दो ने एक मजबूत आर्थिक विरासत छोड़ी थी लेकिन आज मोदी सरकार में सार्वजनिक और निजी निवेश लगातार गिर रहा है, शिक्षा, स्वास्थ्य में भी हालत ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि विरासत को लेकर संप्रग सरकार पर बोला गया हमला केवल राजनीतिक बयानबाजी है जो जुमले से अधिक कुछ नहीं है। उन्होंने साथ ही इस बात पर भी खेद जताया कि आज सरकार की आलोचना करने वालों को अपराधी, आतंकवादी और जमाखोर करार दिया जा रहा है जबकि समर्थकों को राष्ट्रभक्त की उपाधि दी जा रही है। मोइली ने नोटबंदी के संबंध में ही कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी बैंकों का राष्ट्रीयकरण करके बैंकों को गरीब के दरवाजे तक ले गयी थी लेकिन मोदी सरकार ने गरीबों से बैंक छीन लिए हैं। उन्होंने बेनामी संपत्ति कानून में देरी के लिए भी भाजपा को जिम्मेदार ठहराया और साथ ही कहा कि राजग सरकार आज तक इससे जुड़े किसी मामले को आगे नहीं बढ़वा सकी।

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