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वाहनों में डेश कैमरा को अनिवार्य करने की मांग उठी राज्यसभा में

नयी दिल्ली, दिनों दिन बढ़ती दुर्घटनाओं और उनके कारण बढ़ते मुकदमों का बोझ कम करने के लिए आज राज्यसभा में वाहनों में डेश कैमरे को अनिवार्य बनाने की मांग की गयी।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की डा. फौजिया खान ने सोमवार को सदन में शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि हिट एंड रन मामलों में डेश कैमरा को कार निर्माताओं के लिए अनिवार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कैमरे में दुर्घटना की स्थिति में घटना की रिर्काडिंग हो जाती है और इससे दुर्घटना के बारे में पुख्ता सबूत मिल सकेंगे।

एमडीएमके के वाइको ने बाढ से प्रभावित तमिलनाडु के लिए केन्द्रीय सहायता भेजने की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य में बाढ के कारण भारी तबाही हुई है जिससे लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

भारतीय जनता पार्टी के हरनाथ सिंह यादव ने उपासना स्थल कानून 1991 को निरस्त किये जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह कानून दूसरे धर्मों की आस्था और भावना की रक्षा नहीं करता।

कांग्रेस के इमरान प्रतापगढी ने दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा निजामुद्दीन और महरौली में मस्जिदों को सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के नाम पर गिराये जाने का मुद्दा उठाया।

वाई एस आर सी पी के वी विजयसाई रेड्डी ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में आरक्षित सीटों को सामान्य श्रेणी के लिए उपलब्ध कराने का मुद्दा उठाया।

भाजपा के डा. सुमेर सिंह सोलंकी ने डिजिटल लेन देन में धोखाधड़ी का मुद्दा उठाते हुए इन पर अंकुश लगाये जाने की मांग की। उन्होंने इस मामले में प्रणाली की खामियों को दूर कर इसे अभेद्य बनाये जाने की बात कही।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संदोष कुमार पी ने न्यूनतम वेतन की राशि बढाये जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह राशि अलग अलग राज्यों में भी अलग है और इसमें समानता नहीं है।

इससे पहले सभापति ने कार्यवाही शुरू करते हुए कांग्रेस के के सी वेणुगोपाल, भाजपा की कांता कर्दम, कांग्रेस के नीरज डांगी, भाजपा के समीर उरांव और भाजपा की एस. फांगनोन कोन्याक को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी।

सभापति ने सूरीनाम की संसद के एक शिष्टमंडल का स्वागत किया। उन्होंने शिष्टमंडल के सदस्यों को भारत प्रवास के लिए शुभकामनाएं भी दी।

श्री धनखड़ ने नामीबिया के राष्ट्रपति हागे गेनगॉब के निधन पर सदन की ओर से शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि नामीबिया की आजादी के बाद पहले प्रधानमंत्री रहे श्री गेनगॉब को ‘भारत के मित्र’ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि यह सदन नामीबिया की सरकार और वहां के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करता है। सदस्यों ने दिवंगत आत्मा के सम्मान में मौन भी रखा।