नई दिल्ली, कांग्रेस ने केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के पति से मध्य प्रदेश में भूमि मामले से जुड़ी खबर की पूरी जांच कराने की मांग करते हुए कहा है कि इस मामले में राज्य की भाजपा सरकार को राजधर्म निभाना चाहिए। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार को इस संबंध में मीडिया के एक वर्ग में आयी खबर के बारे में प्रतिक्रिया पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, एक कहावत है कि जिनके घर शीशे के हो वे दूसरे के घर पर पत्थर नहीं मारते। आदरणीय स्मृति ईरानीजी ने कुछ पाठ जरूर सीखा होगा।
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सरकार की वेबसाइट में उनकी संपत्ति को लेकर विवाद रहता है। कभी उनकी योग्यता को लेकर उनका झूठ पकड़ा जाता है। उन्होंने चुनाव में जो हलफनामे दे रखे हैं उन्हें देखने से आज तक यह तय नहीं हो पा रहा है कि पूर्व शिक्षा मंत्री कितनी शिक्षित हैं। उन्होंने कहा, अभी एक खबर आयी है मध्य प्रदेश से कि स्मृति के पति ने वहां की सत्तारूढ़ पार्टी का दुरूपयोग कर किसी सरकारी जमीन पर कब्जा किया।
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हमारा मानना है कि अगर यह खबर सही है तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मध्य प्रदेश सरकार को इसकी फौरन पूरी जांच करनी चाहिए। इसकी तह तक जाना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि यह खबर सही पायी जाती है तो स्मृति ईरानी के पति के कथित कब्जे वाली सरकारी जमीन को मुक्त कराया जाना चाहिए। साथ ही उनके खिलाफ दीवानी या फौजदारी कानून, जो भी लागू होता है, उसके तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।
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उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद कि मध्य प्रदेश सरकार राजधर्म निभायेगी तथा स्मृति और उनके पति राजधर्म की अनुपालना में सहयोग करेंगे। कर्नाटक सरकार द्वारा एक कानून की आड़ में गौरक्षकों को बचाने संबंधित सवाल जाने पर सुरजेवाला ने कहा, मीडिया के एक वर्ग में इस खबर को तोड़ मरोड़ कर और गलत ढंग से पेश किया गया। कर्नाटक में गोरक्षा का कानून 1964 में पारित हुआ था।
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इस कानून के तहत यदि कोई सरकारी अधिकारी इसके प्रावधानों को लागू करने के लिए कुछ कार्रवाई करेगा तो उसके खिलाफ कोई झूठा मामला नहीं चलाया जा सकता। इस प्रावधान का निजी क्षेत्र में किसी व्यक्ति या संस्था से कोई लेनादेना नहीं है। उन्होंने कहा, भाजपा के लोग आए दिन गोमाता की रक्षा के नाम पर, जिसे प्रधानमंत्री मोदी गुंडई कहते हैं, करते रहते हैं। उन लोगों को राज्य सरकारें संरक्षण देती हैं। इस पूरे मामले (कर्नाटक) को झूठे, षड्यंत्रकारी ढंग से तोड़मरोड़ कर पेश किया गया। उनसे सवाल किया गया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तो जहां एक ओर गोहत्या के नाम पर किये जाने वाले उत्पीड़न को गुंडई कहकर इसकी निंदा करते हैं वहीं कांग्रेस शासित कर्नाटक में गोरक्षकों को कानून के तहत बचाया जा रहा है।
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