इन कर्मचारियों को मिलेगी हफ्ते में तीन दिन की छुट्टी….
November 4, 2019
नई दिल्ली,इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम में से कई लोग ऐसे है जो प्राइवेट नौकरी करते है और हफ़्ते में मिलने वाले अवकाश का बेसब्री से इंतजार करते है. लेकिन कंपनिया या तो 1 दिन का अवकाश देती है या कही कही 2 दिन का अवकाश दिया जाता है लेकिन एक ऐसी कम्पनी भी है जो हफ्ते में 3 दिन का अवकाश देती है. और सबसे बड़ी बात ये है की ऐसा करने से उसके उस कम्पनी की कार्यक्षमता 40 गुना और बढ़ गई.
माइक्रोसॉफ्ट ने जापान की अपनी यूनिट में कर्मचारियों के लिए अनूठी पहल की है. कंपनी ने एक महीने के लिए जापान में वर्क-लाइफ च्वाइस चैलेंज समर 2019 आयोजित किया. ‘वर्किंग रिफॉर्म पोजेक्ट’ नाम के इस कार्यक्रम को एक महीने के लिए प्रोयोगिक तौर पर किया गया. इसमें माइक्रोसॉफ्ट जापान ने अपने 2300 कर्मचारियों को सप्ताह में दो दिन के बजाय तीन दिन का अवकाश दिया. इन कर्मचारियों से हफ्ते में केवल चार दिन ही काम करवाया गया.
हफ्ते में तीन दिन की छुट्टी के बदले कर्मचारियों को किसी भी तरह से अपने बाकी छुट्टियों के साथ कोई समझौता नहीं करना पड़ा. माइक्रोसॉफ्ट जापान के इस कदम का असर बेहद उत्साहजनक रहा. तीन दिन का अवकाश देने से कंपनी की प्रोडक्टिविटी 39.9 प्रतिशत बढ़ गई.
इतना ही नहीं, कर्मचारियों ने इस दौरान छुट्टियां कम लीं और कंपनी में 23.1 प्रतिशत कम बिजली की खपत हुई. इससे भी कंपनी का खर्च कम हुआ.माइक्रोसॉफ्ट की उत्पादकता में यह वृद्धि मीटिंग के समय में कमी को माना गया. हफ्ते में केवल चार दिन काम होने के कारण कंपनी के अंदर बैठकें जल्दी खत्म होने लगी. कई मीटिंग्स तो आमने-सामने होने की बजाय वर्चुअल हो गईं. फैसले जल्दी लिए जाने लगे. इससे काम में तेजी आई और उत्पादकता बढ़ गई.
महीने की समाप्ती के बाद जब माइक्रोसॉफ्ट ने अपने कर्मचारियों से उनकी राय जानी तो 92.1 प्रतिशत ने चार दिन के हफ्ते को बेहतरीन आइडिया बताया. इस प्रयोग की सफलता को देखते हुए माइक्रोसॉफ्ट इसे फिर से लागू करने की योजना बना रहा है. चार दिन का हफ्ता इस बार की तरह अगली गर्मियों में या फिर इसके साथ-साथ साल के अन्य महीनों में भी आजमाया जा सकता है.
माइक्रोसॉफ्ट के इस कदम पर कुछ वेशषज्ञों की राय है कि यह हर कंपनी के लिए फायदेमंद नहीं हो सकता. जिन कंपनियों को हफ्ते में सातों दिन काम करने की आवश्यकता पड़ती हैं उन्हें अपना काम चलाने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती करनी पड़ेगी. इससे कंपनी के बजट पर बोझ बढ़ सकता है.