नई दिल्ली,केंद्र सरकार ने सातवें वेतनमान के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है. दरअसल वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया में चल रही उन सभी खबरों को खारिज कर दिया है जिसमें कहा जा रहा था कि मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के रिटायरमेंट सीमा में बदलाव कर सकती है. वित्त राज्यमंत्री के इस बयान के बाद लाखों कर्मचारियों को राहत मिली है जो मीडिया में चल रही खबरों से आशंकित थे जिसमें अपने सर्विस के 33 वर्ष पूरा करे चुके या 60 वर्ष के कर्माचारियों को रिटायर किए जाने की बात की जा रही थी. कर्मचारियों की रिटायर सीमा को लेकर सोशल मीडिया पर भी अफवाहें फैलाई जा रही थी.
लोकसभा में एक प्रश्न का जवाब देते हुए वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2018-19 के इकनॉमिक सर्वे में केंद्रीय कर्मचारियों कि रिटायर सीमा 70 वर्ष करने की बात नहीं की गई थी. जबकि यह प्रावधान दूसरे देशों में मौजद है. हम अभी सिर्फ इस पर विचार कर रहे हैं. इसके साथ ही अनुराग ठाकुर ने कहा कि इन बातों में कोई सच्चाई नहीं है जिसमें कहा जा रहा है कि सर्विस के 33 वर्ष पूरे करने और 60 वर्ष वाले केंद्रीय कर्मचारियों को रिटायर किया जाएगा.
दरअसल सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा था कि केंद्र सरकार का यह आदेश 1 अप्रैल 2020 से प्रभावी हो सकता है. वर्तमान समय में केंद्रीय कर्मचारियों की रिटायर होने की उम्रसीमा 60 वर्ष, डॉक्टरों और यूनिवर्सिटियों में पढ़ाने वाले प्रोफेसर की रिटायर होने की उम्रसीमा 65 वर्ष है. दरअसल इससे पहले वर्ष 1998 में कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्रसीमा 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी गई थी. इस फैसले के बाद देश की कई राज्य सरकारों ने कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्रसीमा 60 से बढ़ाकर 62 कर दी थी.