नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत ‘21 वीं सदी में स्कूली शिक्षा’ पर सम्मेलन को शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करेंगे।
शिक्षा मंत्रालय द्वारा शिक्षा पर्व के तहत दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन 10 और 11 सितंबर को किया जा रहा है। श्री मोदी ने गत सोमवार को नयी शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधार पर सभा’ में भी उद्घाटन भाषण दिया था। उन्होंने इस विषय पर राज्यपालों के सम्मेलन को भी संबोधित किया था।
एनईपी 2020 इक्कीसवीं सदी की पहली शिक्षा नीति है, जिसे पिछली राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के 34 वर्षों के बाद घोषित किया गया है। एनईपी-2020 में स्कूली और उच्च शिक्षा दोनों स्तरों पर बड़े सुधारों के लिए निर्देश दिया गया है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य देश को न्यायोचित और ज्ञान आधारित उद्यमी समाज बनाना है। इसमें भारत केंद्रित शिक्षा प्रणाली को लागू करने की सोच है जो देश को वैश्विक महाशक्ति में बदलने में सीधे योगदान करेगा।
इस नीति में देश में स्कूली शिक्षा में व्यापक सुधार की बात है। स्कूल स्तर पर 8 वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए बचपन देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) के सार्वजनिकरण, स्कूल पाठ्यक्रम की 10+2 संरचना को 5+3+3+4 पाठ्यचर्या संरचना में बदलने, 21वीं सदी के कौशल, गणितीय सोच और वैज्ञानिक रुझान के पाठ्यक्रम को एकीकृत करने, स्कूली शिक्षा के लिए नए व्यापक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम के ढांचे का विकास करने, शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय पेशेवर मानक तैयार करने, मूल्यांकन सुधार और छात्रों की 360 डिग्री समग्र प्रगति कार्ड, और कक्षा 6 के बाद से व्यावसायिक एकीकरण पर ज़ोर दिया जा रहा है।
देश में शिक्षकों को सम्मानित करने और नई शिक्षा नीति को आगे बढ़ाने के लिए मंगलवार से 25 सितंबर तक शिक्षा पर्व मनाया जा रहा है। देश भर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं पर विभिन्न वेबिनार, वर्चुअल सम्मेलन और सभाएं आयोजित की जा रही हैं।