नहीं झेल पाई बेटे की मौत का सदमा, साथ शुरू होगी मां-बेटे की अंतिम यात्रा

पूर्णिया,  बिहार के किशनगंज नगर थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की मौत का सदमा उनकी मां बर्दाश्त नहीं कर पाई और आज उन्होंने भी दम तोड़ दिया, अब दोनों की अर्थी एक साथ उठेगी।

श्री कुमार चोरी हुई मोटरसाइकिल की बरामदगी और अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए शनिवार तड़के सीमावर्ती राज्य पश्चिम बंगाल में ग्वालपोखर थाना क्षेत्र के पंतापाड़ा गांव में छापेमारी करने गए थे, जहां ग्रामीणों ने पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी थी। यह खबर हृदय रोग से ग्रसित उनकी मां को नहीं दी गई थी।

सूत्रों ने बताया कि जैसे ही पुलिस निरीक्षक अश्विनी कुमार का पार्थिव शरीर पूर्णिया जिले के जानकीपुर थाना क्षेत्र के पांचू मंडल टोला स्थित उनके पैतृक आवास पर पहुंचा तो हाहाकार मच गया। काफी कोशिशों के बाद भी उनकी मां उर्मिला देवी को पता चल ही गया और वह इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पाई। अंतत: सदमाजद का भी निधन हो गया। शहीद श्री कुमार और उनकी मां का आज करीब दो बजे गांव में ही अंतिम संस्कार होगा।

शहीद के पिता महेश्वरी प्रसाद का सात वर्ष पूर्व ही निधन हो गया था। पिछले तीन-चार सालों से श्री अश्विनी कुमार का पूरा परिवार पटना के हनुमान नगर में किराए के मकान में रहता है। उन्हें तीन बच्चे हैं। पटना में उनकी पत्नी मीनू स्नेहलता, 15 साल की बड़ी बेटी नैंसी और दो जुड़वां बेटा-बेटी ग्रेसी एवं वंश (उम्र करीब छह साल) रहता है ।

Related Articles

Back to top button