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हेपेटाइटिस के सभी प्रकारों में लिवर पर पड़ता है प्रभाव

Hand writing Hepatitis with blue marker on transparent wipe board.

हेपेटाइटिस के सभी प्रकार के वायरस अलग-अलग होते हैं लेकिन सबका टारगेट एक ही होता है लिवर। लिवर हमारे शरीर में 500 से भी अधिक महत्वपूर्ण कार्यों को करने में सहायक होता है। इनमें मुख्य रूप से रक्त की सफाई, संक्रमण से लड़ना और ऊर्जा को संग्रह करना शामिल है। लेकिन हेपेटाइटिस के कारण लिवर के कार्य करने की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। हेपेटाइटिस के पांच प्रमुख वायरसों को पांच अलग श्रेणियों ए, बी, सी, डी और ई में बांटा जाता है। इनमें से बी और सी प्रकार सबसे अधिक खतरनाक माने जाते हैं और ये हमारी सेहत को सबसे अधिक बुरे तरीके से प्रभावित करते हैं।

ये होते हैं लक्षण… सभी प्रकार के हेपेटाइटिस के लक्षण लगभग एक जैसे होते हैं।

इन लक्षणों में शामिल होते हैंः

भूख कम हो जाना -बुखार -जोड़ों में दर्द -थकान -मितली -उल्टी -पेट में दर्द अन्य संभावित लक्षणों में बाउल मूवमेंट शामिल है जिसका रंग ग्रे होता है या फिर पीलिया जिसमें त्वचा और आंखें पीली या सफेद हो जाती हैं। सबसे पहले आपको हेपेटाइटिस सी हो सकता है लेकिन हो सकता है समस्या का आपको पता भी न चले। क्योंकि इसके लक्षण कुछ-कुछ फ्लू जैसे नजर आते हैं। इस प्रकार फैलता है

वायरस:- सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार हेपेटाइटिस सी संक्रमित रक्त के संपर्क में आने से फैलता है। यह आमतौर पर संक्रमित सुई द्वारा दवा शरीर में प्रवेश कराने के दौरान या फिर संक्रमित सुई के किसी भी रूप में इस्तेमाल करने से होता है। ऐसा बहुत कम होता है लेकिन कई बार हेपेटाइटिस सी असुरक्षित यौन संबंधों, मां से गर्भस्थ शिशु को फैलता है। हेपेटाइटिस बी मां से गर्भस्थ शिशु से और असुरक्षित यौन संबंधों के कारण होता है। दवाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले उपकरणों के जरिए भी कई बार फैलता है लेकिन इसके मामले बहुत ही कम देखे जाते हैं। यह वायरस सीमन के साथ-साथ रक्त के जरिए भी फैलता है।

ऐसे कर सकते हैं बचाव… हेपेटाइटिस से बचाव के लिए आप वैक्सीन लगवा सकते हैं।

  • ये वैक्सीन इन लोगों को लगाई जा सकती है:
  • सभी नवजातों को जन्म के समय -छोटे बच्चे जिन्हें पहले यह वैक्सीन नहीं लगी हो
  • संक्रमित व्यक्ति से यौन संबंध बनाने वाले
  • इंजेक्शन के जरिए दवाएं लेने वाले
  • एचआईवी इंफेक्शन से ग्रसित व्यक्ति
  • हेपेटाइटिस के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, लेकिन इससे बचाव के लिए भी आप सावधानी बरत सकते हैं। संक्रमित व्यक्ति से सुइयों या रेजर की शेयरिंग न करें। दवाएं भी हो सकती हैं

कारगर:- आपके डॉक्टर हेपेटाइटिस बी या सी के लिए एंटीवायरल दवाएं दे सकते हैं। लिवर को सुरक्षा प्रदान करने और आराम देने के लिए भी ट्रीटमेंट दिया जाता है। हेपेटाइटिस सी में दवाओं का कॉम्बिनेशन दिया जाता है, जिससे आपके शरीर से वायरस को पूरी तरह से खत्म किया जा सके। यह कॉम्बिनेशन वायरस के जेनोटाइप पर निर्भर करता है। किसी भी प्रकार का हेपेटाइटिस हो डॉक्टर हमेशा ही अल्कोहल न लेने की हिदायत देते हैं। ऐसा नहीं करने से लिवर दोगुनी गति से क्षतिग्रस्त होता है।

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