लखनऊ, उत्तर प्रदेश के 17 नगर निगमों में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के चार लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरों को स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत स्थापित आईसीसीसी (इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर) और आईटीएमएस (इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) से जोड़ा गया है।
अधिकृत सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि कानपुर और लखनऊ नगर निगमों ने सबसे अधिक निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के सीसीटीवी कैमरों को कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ा है और इन कैमरों के माध्यम से नियमित मॉनीटरिंग की जा रही है।
इन कैमरों को कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ने का परिणामस्वरूप, 24×7 घटित होने वाली अवांछनीय घटनाओं जैसे अतिक्रमण, चोरी, मारपीट, अपराध और निराश्रित जानवरों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की निगरानी संभव हो पाई है। इसके कारण प्रदेश के नगर निगमों में इन घटनाओं में महत्वपूर्ण कमी आई है। महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, सेफ सिटी परियोजना के अंतर्गत चिन्हित प्रत्येक डार्क स्पॉट पर प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। अद्यतन, प्रदेश में कोई भी डार्क स्पॉट नहीं है और महिलाओं की सुरक्षा व सुविधा हेतु प्रदेश के सभी नगर निगमों में 192 से अधिक पिंक टॉयलेट का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है।
समीक्षा के बाद, पुलिस विभाग और अन्य शासकीय विभागों के साथ समन्वय करते हुए, नगरों में पेट्रोल पम्पों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, शराब दुकानों, बैंकों और आवासीय परिसरों के बाहर स्थापित सीसीटीवी कैमरों को अधिक संख्या में वेब और लूप के अंतर्गत एकीकृत करने के निर्देश दिए गए हैं। यह पहल प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे नागरिकों की सुरक्षा में और अधिक सुधार होगा।