दलित उत्थान के लिये छोटी को, अंतर्राष्ट्रीय संस्था ने किया सम्मानित
October 26, 2017
पटना, समाज के अंतिम पायदान पर माने जाने वाले दलित वर्ग के मुसहर समुदाय के लोगों की मदद करने वाली भोजपुर जिले की छोटी कुमारी सिंह (20) को स्विट्जरलैंड स्थित विमेंस वर्ल्ड सम्मिट फाउंडेशन ने ग्रामीण परिवेश में महिलाओं द्वारा किये जाने वाले रचनात्मक कार्यों की श्रेणी में सम्मानित किया है। यह पुरस्कार वर्ष 1994 में शुरू हुआ। छोटी यह पुरस्कार पाने वाली सबसे कम उम्र की शख्सियत हैं। पुरस्कार के रूप में 1000 डॉलर (65,000 रुपया) की रकम दी जाती है।
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उच्च जाति ‘राजपूत’ परिवार की सदस्य छोटी ने वर्ष 2014 में अपने गांव रतनपुर में मुसहर समुदाय के लोगों को शिक्षा देना और सामाजिक स्तर पर उनकी सहायता करनी शुरू की थी। अभी तक मुसहर समुदाय के 108 बच्चों को ट्यूशन दे चुकी छोटी का कहना है कि ज्यादातर भूमिहीन श्रमिकों के रूप में काम करने वाले उसके गांव के मुसहर समुदाय के लोग बेहद गरीब हैं। उन्हें बच्चों की शिक्षा का महत्व समझाने और इसके लिए प्रेरित करने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी, क्योंकि समुदाय के ज्यादातर लोग अपने बच्चों को शिक्षा दिलाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाते।
छोटी ने कहा, ‘‘मैं घर—घर जाकर उनसे मुलाकात करती। बच्चों के माता—पिता को समझाने की कोशिश करती थी।’’ छोटी ने एक स्वयं सहायता समूह भी शुरू किया जिसमें इस समुदाय की हर महिला एक महीने में 20 रुपये बचाकर घर-आधारित गतिविधियों को शुरू करने के लिए बैंक खाते में जमा करती है।
उन्हें इसकी प्रेरणा आध्यात्मिक और मानवतावादी माता अमृतानंदमयी देवी (अम्मा) के प्रतिष्ठित अमृतानंदमयी मठ द्वारा संचालित एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद मिली थी। मठ की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश भर के 101 गांवों को अपनाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। माता अमृतानंदमयी मठ ने बिहार के पांच गांवों को अपनाया है जिनमें से दो ,रतनपुर और हदियाबाद गांवों में यह कार्यक्रम शुरू किया गया है।