खूबसूरत दिखने की चाहत और हाइजीन से जुड़ी आवश्यकताएं, महिलाओं को हर महीने पार्लर का चक्कर जरूर लगवाती हैं। ऐसे में कई बार गर्भावस्था के दौरान पार्लर में कौन से चीजें कराएं और कौन सी नहीं, महिलाओं के लिए अक्सर चिंता का विषय रहता है। ऐसे में जानिए, ऐसे ब्यूटी ट्रीटमेंट के बारे में, जिन्हें गर्भावस्था के शुरुआती महीनों के दौरान करवाना जच्चा और बच्चा, दोनों की सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। खास किस्म के उत्पाद फेशियल के लिए तमाम तरह की क्रीम, स्क्रब, क्लींजर आदि का इस्तेमाल सामान्य तौर पर त्वचा की सफाई के लिए जरूरी है लेकिन कई बार गर्भावस्था के दौरान इनके इस्तेमाल से समस्याएं हो सकती हैं। इन ब्यूटी ट्रीटमेंट के कारण त्वचा पर रैशेज, इचिंग जैसी कोई भी समस्या हो सकती है जिसके उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाएं गर्भावस्था के दौरान नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसके अलावा, स्पा, फेशियल और बॉडी मसाज भी गर्भावस्था के दौरान रक्त संचार को प्रभावित करते हैं जिससे गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है। गर्म तापमान वाली प्रक्रियाएं गर्भावस्था के दौरान गर्म तापमान वाली चीजों से दूरी बरतना जरूरी है। ऐसे में इस दौरान जो महिलाएं पार्लर में सौना बाथ, स्टीम बाथ, हॉट टब्स जैसे स्पा लेती हैं, वे गर्भावस्था के दौरान इनसे बचें। यहां तक कि गर्म वैक्सिंग की प्रक्रिया भी गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में नुकसानदायक हो सकती है। ऐसे में गर्म वैक्स के बजाय औप कोल्ड वैक्स या हेयर रिमूवर क्रीम आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं। गर्म तापमान के संपर्क में आने से शरीर का रक्त संचार बढ़ जाता है जिससे गर्भपात का रिस्क बढ़ जाता है। कहने की जरूरत नहीं कि गर्भावस्था के दौरान इलेक्ट्रोलाइटिंस और लेजर ट्रीटमेंट का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। पेडिक्योर और मसाज गर्भावस्था के दौरान पेडिक्योर और मसाज आदि भी महिलाओं के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। पैर की एड़ी में ऐसे कई प्वाइंट्स हैं जिन पर मसाज करने से यूट्रस में सिकुड़न हो सकती है। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान पेडिक्योर, मैनीक्योर व बॉडी मसाज से बचना ही समझदारी है।