नयी दिल्ली , देश के करीब 150 वर्ष के जनगणना इतिहास में पहली बार सभी आंकड़े मोबाइल एप से एकत्र किये जायेंगे और सरकार इसके लिए सभी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी है।
केन्द्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने 2021 में हाेने वाली 16 वीं जनगणना की प्रश्नावली तथा तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए आज शुरू हुए दो दिन के सम्मेलन में कहा कि देश में पहली बार जनगणना के लिए मोबाइल एप का इस्तेमाल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि दुनिया की इस सबसे बड़ी जनगणना के लिए 33 लाख जनगणनाकर्मियों की जरूरत होगी। इसके लिए अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है।
जनगणनाकर्मियों के पास अपना मोबाइल इस्तेमाल करने का विकल्प होगा और इसके लिए उन्हें अलग से उचित राशि दी जायेगी। अपने मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करने वाले कर्मियों को कागज पर आंकड़े एकत्र कर उन्हें एप में डालना होगा।
गृह सचिव ने कहा कि आंकडे इक्कठे करने में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को देखते हुए इस बार गोपनीयता बनाये रखने पर विशेष ध्यान देना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि आंकड़ों का दुरूपयोग न हो।उन्होंने कहा कि जम्मू.कश्मीर और उत्तराखंड तथा हिमाचल प्रदेश के बर्फबारी वाले क्षेत्रों में एक अक्टूबर 2020 से जनगणना का काम शुरू हो जायेगा जबकि शेष देश में यह एक मार्च 2021 से होगा।
उन्होंने कहा कि जनगणना का मतलब केवल लोगों की गिनती से नहीं है इससे देश के बारे में सामाजिक और आर्थिक आंकड़े भी हासिल होते हैं जिनके आधार पर नीति बनायी जाती हैं और संसाधनों का आवंटन किया जाता है।
गृह सचिव ने कहा कि इन आंकडों के आधार पर आर्थिक विकास और कल्याण की योजनाएं बनायी जाती हैं। साथ ही इससे निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन और आरक्षित सीटों के बारे में निर्णय लेने में मदद मिलती है।उन्होंने सम्मेलन में हिस्सा ले रहे सभी प्रतिनिधियों से जनगणना की प्रश्नावली और संबंधित तैयारियों में मदद के लिए अधिक से अधिक सुझाव देने को कहा।