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खनन घोटाले में, चार आईएएस व पूर्व मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज

नयी दिल्ली, सीबीआई ने उत्तर प्रदेश में खनन घोटाले के संबंध में दो नये मामले दर्ज किये हैं जिनमें चार आईएएस अधिकारियों और पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के नाम आरोपियों के रूप में शामिल किये गये हैं। एजेंसी ने राज्य के 12 स्थानों पर छापे मारे। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

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उन्होंने बताया कि एजेंसी की प्राथमिकी में समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रहे प्रजापति, तत्कालीन प्रधान सचिव जिवेश नंदन, विशेष सचिव संतोष कुमार, जिले के तत्कालीन मजिस्ट्रेट अभय और विवेक के नाम हैं। प्रजापति की संलिप्तता वाले मामले में एजेंसी ने आरोप लगाया कि बालू खनन के लिए अपने पट्टे के नवीकरण के लिए लाभार्थियों शिव सिंह और सुखराज ने मंत्री के प्रभाव का इस्तेमाल किया। एजेंसी ने आरोप लगाया कि नंदन कुमार और फतेहपुर के तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट अभय ने 2014 में सुखराज के मामले में पट्टे के नवीकरण के लिए मंत्री के साथ कथित तौर पर साजिश की जबकि सिंह ने 2012 में अपने पट्टे का नवीकरण करा लिया था।

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इन पट्टों का राज्य सरकार की ई-निविदा नीति का कथित तौर पर उल्लंघन कर नवीकरण कराया गया था। सीबीआई के प्रवक्ता नितिन वाकणकर ने कहा, ‘‘यह आरोप लगाया गया था कि तत्कालीन डीएम, फतेहपुर (अभय) ने उक्त निजी व्यक्तियों के पक्ष में तीन बालू खनन पट्टों के नवीकरण के अवैध आदेशों के अनुपालन में धोखाधड़ी की थी।’’ उन्होंने कहा कि इन बालू खनन पट्टों को कथित तौर पर उत्तर प्रदेश सरकार के आदेशों के उल्लंघन में नवीनीकृत किया गया था, जिसमें यह स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया था कि इस तरह के सभी पट्टे ई-निविदा प्रक्रिया के माध्यम से प्रदान किए जाएं। दूसरे मामले में एजेंसी ने आरोप लगाया कि देवरिया में डीएम के रूप में तैनात रहने के दौरान विवेक ने शारदा यादव के नवीकरण करने की अनुमति दी।

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एजेंसी ने उत्तर प्रदेश में अवैध खनन घोटाले के संबंध में राज्य में 12 स्थानों पर छापे मारे। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद 2007 बैच के आईएएस अधिकारी अभय सिंह और 2009 बैच के आईएएस अधिकारी विवेक के परिसरों पर छापे मारे। अभय सिंह अभी बुलंदशहर के जिला मजिस्ट्रेट हैं और विवेक उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के निदेशक हैं।
बुलंदशहर, लखनऊ, फतेहपुर, आजमगढ़, इलाहाबाद, नोएडा, गोरखपुर, देवरिया समेत 12 स्थानों पर छापे मारे गए। वाकणकर ने कहा कि सिंह के परिसरों से 49 लाख रुपये नकद बरामद किए गए जबकि देवरिया के तत्कालीन एडीएम देवी शरण उपाध्याय के आवास से करीब 10 लाख रुपये बरामद किए गए। वह अभी आजमगढ़ के सीडीओ के रूप में तैनात हैं।

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अधिकारियों ने बताया कि उपाध्याय इस समय आजमगढ़ में सीडीओ के रूप में तैनात है। उनके आवास पर भी छापेमारी की गई।
एजेंसी ने विवेक के परिसरों से संपत्तियों से संबंधित कुछ दस्तावेज भी जब्त किए। अभय ने डीएम, बुलंदशहर के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक बयान जारी कर दावा किया कि इन छापेमारी का फतेहपुर में उनके कार्यकाल से कोई लेना-देना नहीं है। अपने बचाव में उन्होंने दावा किया कि फतेहपुर डीएम के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान अनियमितताओं से संबंधित सीबीआई जांच नहीं है, लेकिन प्राथमिकी के अनुसार, उनके कार्यकाल के दौरान अनियमितताओं के लिए उन्हें आरोपी बनाया गया है।

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उन्होंने कहा, ‘‘फतेहपुर जिले में खनन पट्टे में अनियमितताओं से संबंधित सीबीआई टीम का यह दौरा था। इसका बुलंदशहर में मेरी तैनाती से कोई संबंध नहीं है।’’ उन्होंने उन रिपोर्टों को ‘‘भ्रामक’’ बताया जिसमें कहा गया है कि सीबीआई ने उनके आवास पर छापेमारी की और 47 लाख रुपये बरामद किये। उन्होंने दावा किया, ‘‘सीबीआई ने कोई अघोषित संपत्ति बरामद नहीं की है। मेरे पास से बरामद नकदी का विवरण सीबीआई टीम को प्रदान किया गया है।’’

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