नयी दिल्ली, सीवर सफाई के दौरान मौतों पर गंभीर रुख अपनाते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आप सरकार और विभिन्न अन्य प्राधिकारों से हलफनामा दायर करके यह बताने को कहा कि वे हाथ से सेप्टिक टैंक और सीवर साफ करने के लिए लोगों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से काम पर रखते हैं या नहीं।
अदालत ने हलफनामे में हाथ से सीवर सफाई के काम पर रोक और उनके पुनर्वास से संबंधित कानून के अनुपालन की जानकारी भी देने को कहा। न्यायमूर्ति जी एस सिस्तानी और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि दो सप्ताह में हलफनामे दायर किये जाएं। अदालत ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए 28 अगस्त की तारीख तय की।
अदालत ने कहा कि लोगों की मौत दिखाती है कि प्राधिकार कानून का अनुपालन नहीं कर रहे हैं और अगर मौतें हुई हैं तो किसी को तो जेल जाना होगा। अदालत हाथ से सीवर सफाई करने वालों के पुनर्वास के लिए 2007 में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।