नई दिल्ली,दुनियाभर में प्लास्टिक के इस्तेमाल में कमी लाई जा रही है। अब यह हमारी प्रकृति के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है। इसका बुरा असर न केवल हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है बल्कि हमारा आस-पास का वातावरण भी इससे प्रभावित होता है। हमने हमारे आस-पास अनेकों कूड़ा उठाने वालों को देखा होगा।
वो लोग अपनी रोज़ी-रोटी और गुज़ारे के लिए ये काम करते हैं। वे कूड़ा उठाते हैं और बदले में उन्हें थोड़े से पैसे मिलते हैं जिससे उन्हें दो वक्त की रोटी भी ढंग से नसीब नहीं होती है। लेकिन इसके समाधान में छत्तीसगढ़ में देश का पहला ‘गारबेज कैफे’ खुलने जा रहा है। जहां पर कूड़े के बदले गरीबों को खाना दिया जाएगा। वहां के नगर निगम वाले लोग गरीबों से कूड़ा लेंगे और उन्हें बदले में खाना देंगे। अगर आपके पास 1 किलो कूड़ा है तो आपको एक पूरी प्लेट भरके खाना मिलेगा और 500 ग्राम है तो आधी प्लेट खाना मिलेगा।
छत्तीसगढ़ का अम्बीकापुर जो कि इन्दौर के बाद भारत का दूसरा सबसे साफ शहर माना गया है। वहां पर अब प्लास्टिक की मदद से नई सड़कें बनाई जाएंगी। अजय टिर्के, जिन्होंने सोमवार को नगर निगम का बजट बताया था, ने कहा कि ये गारबेज कैफे शहर के मुख्य बस अड्डे के पास से काम करना शुरू करेगा। बजट के अनुसार इस स्कीम के लिए गारबेज कैफे के लिए 5 लाख रूपए खर्च किए जाएंगे।
अम्बीकापुर में पहले से ही एक सड़क प्लास्टिक के कणों और तारकोल के मिश्रण से बनी हुई है। ये सड़क 8 लाख प्लास्टिक की थैलियों से बनी थी और इस मिश्रण से बनी सड़क आम सड़क से ज़्यादा समय तक टिकती है।नगर निगम इस स्कीम के अंतर्गत न केवल गरीबों को खाना खिलाएगा बल्कि उनको रहने के लिए छत भी देगा। अजय टिर्के ने आगे बताया कि निगम पहले ही प्लास्टिक के हानिकारक प्रभाव से बचने के लिए शहर में प्लास्टिक की थैलियों को बैन कर चुका है।