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यूपी के इस मेडिकल कॉलेज में आयुष्मान लाभार्थियों को मिल रही फ्री कीमोथेरेपी

झांसी , उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आयुष्मान योजना के तहत आये कैंसर रोगियों की कीमोथेरेपी नि:शुल्क की जा रही है।

आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी और कैंसर रोग विशेषज्ञ डाक्टर अंशु कुमार गोयल ने शुक्रवार को बताया कि आयुष्मान योजना के लागू होने के बाद वर्ष 2019 से मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए आने वाले कैंसर रोगियों की संख्या में तेजी आयी है है। बाहर जो कीमोथेरेपी काफी पैसों में होती है वह यहां निशुल्क की जा रही है। अभी तक आयुष्मान योजना के अंतर्गत 635 कैंसर मरीजों को निशुल्क कीमोथेरेपी दी गयी है।

उन्होंने बताया कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत आने वाले सारे मरीजों की कीमोथेरेपी मुफ्त में हो रही है और रेडियोथैरेपी के लिए मरीजों को ग्वालियर या कानपुर भेज दिया जाता है। जनपद में मुंह, गर्भाशय और स्तन कैंसर के रोगियों की संख्या ज्यादा है। मुख कैंसर होने का मुख्य कारण वह यहां की जनता द्वारा तंबाकू के सेवन को मानते हैं।

कैंसर मूल रूप से एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर की कोशिकाओं का असामान्य विकास होता है जो शरीर के विभिन्न भागों में फैल जाता है। कैंसर एक ऐसी स्थिति है अगर इसके बारे में प्रारंभिक अवस्था में पता लगा तो यह ठीक हो सकता है। हालांकि जैसे जैसे समस्या की गंभीरता बढ़ती जाती है इससे निपटना कठिन होता जाता है। अगर कैंसर की स्थिति दर्दनाक है तो इसके उपचार करने के लिए इस्तेमाल तरीके भी समान रूप से पीड़ादायक हैं इसलिए सतर्क रहना और समस्या के बढ़ने से पहले ही दूर करना महत्वपूर्ण है। इसके लक्षणों को पहचान कर इसकी अनदेखी करना भी बहुत बड़ी भूल है। कैंसर के संभावित लक्षण हैं गांठ, लंबे समय तक खांसी, असामान्य खून बहना, अत्यधिक वजन घटना और अंदरूनी अंतड़ियों में परिवर्तन आदि।

पेशे से किसान मऊरानीपुर के निवासी बाबूलाल सिंह मुंह के कैंसर से पीड़ित थे, लेकिन चेहरे में बदलाव आने की बात सोचकर सर्जरी नहीं कराना चाहते थे अभी कीमोथेरेपी के बाद बीमारी जड़ से गायब हो चुकी है। वहीं शिवपुरी निवासी नौ साल के भूपति को लिंफ नोड का ट्यूमर था। कीमोथेरेपी से बीमारी पूरी तरह से चली गई है और अब वह स्वस्थ हैं। इस समय भूपति कक्षा 6 में पढ़ रहा है। जनपद निवासी 55 वर्षीय दयावती को भी स्तन का कैंसर था। स्तन का ऑपरेशन होने के बाद कीमोथेरेपी हुई इसके बाद वह पूरी तरह स्वस्थ हैं और साल में एक बार दिखाने कैंसर विभाग में आती है।

मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की तादादमेडिकल कॉलेज में वर्ष 2016 में 722, वर्ष 2017 में 628, वर्ष 2018 में 998 और वर्ष 2019 में 1023 कैंसर के मरीज इलाज के लिए आए। पिछले वर्ष कैंसर रोगियों की संख्या बढ़ने का मुख्य कारण यह रहा कि यहां पर कीमोथेरेपी की सुविधा आयुष्मान के तहत मुफ्त दी जा रही है।