नई दिल्ली, अगर आपका भी बैंक अकाउंट देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में है तो ये खबर आपके लिए बेहद खास है. 1 मई से एसबीआई के सेविंग अकाउंट का नियम बदल जाएगा. इस नियम के बदलने से आ पकी जमापूंजी पर असर पड़ने वाला है.
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बैंक अब आरबीआई के नए फॉर्मूले को अपनाएगा. मतलब साफ है कि एक मई के बाद एसबीआई के सेविंग खाताधारकों को एक लाख रुपये से ज्यादा के डिपॉजिट (जमा) पर कम मुनाफा (ब्याज) मिलेगा. आपको बता दें कि RBI ने ब्याज से जुड़ा ये नियम एक अप्रैल 2019 से बदल दिया है. एसबीआई पहला बैंक है जो इसे लागू करने जा रहा है.
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बैंक की ओर से बयान में कहा गया है कि 1 मई 2019 से स्टेट बैंक सेविंग्स अकाउंट में 1 लाख रुपये से ज्यादा के अमाउंट पर 0.25-0.75 फीसदी तक कम ब्याज देगा.
1 लाख रुपए तक के बैलेंस पर अब 3.5 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा. वहीं 1 लाख से ऊपर के बैंलेस पर ब्याज की दर 3.25 फीसदी होगी. ये नई दर 1 मई 2019 से लागू होगी.
1 लाख से ऊपर के सभी कैश क्रेडिट और ओवरड्राफ्ट अकाउंट को एसबीआई ने रेपो रेट से लिंक कर दिया है. हाल ही में रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की थी इसी को देखते हुए बैंक ने ये कटौती की है.
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लंबे समय से लोगों की शिकायत थी कि आरबीआई के ब्याज दर घटाने के बाद बैंकों की ब्याज दर पर इसका असर नहीं दिखता है. इसलिए एसबीआई ने ग्राहकों की शिकायत दूर होगी.
बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने बताया है कि एक लाख रुपये से कम के लोन और डिपॉजिट MCLR यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट से जुड़े रहेंगे. छोटे ग्राहकों को बाजार की उठापटक से बचाने के लिए ऐसा किया गया है.
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देश के सबसे बड़े बैंक ने बताया है कि मई से एक लाख रुपये से ज्यादा के सभी सेविंग बैंक डिपॉजिट और शॉर्ट-टर्म लोन आरबीआई के बेंचमार्क रेपो रेट से जोड़े जाएंगे.
रेपो रेट अभी 6 फीसदी है. बैंकों को रेपो रेट पर ही आरबीआई कर्ज देता है, जबकि सेविंग बैंक की दरें रेपो रेट से 2.75 फीसदी कम होंगी. वहीं, एक लाख रुपये से ज्यादा के छोटी अवधि के लोन पर रेपो रेट से 2.25 फीसदी अधिक ब्याज रखा जाएगा.
यह पहला मौका है जब बैंक ने बचत, छोटे लोन और डिपॉजिट रेट को सीधे रेपो रेट के साथ लिंक किया है.