नई दिल्ली,सातवें वेतमान के तहत सैलरी बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को अब तक ये तोहफा नहीं मिल पाया है। खबर यह है कि नरेंद्र मोदी सरकार कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी में बढ़ोतरी पर दिसंबर के अंत तक कोई बड़ा निर्णय ले सकती है. मालूम हो कि केंद्रीय कर्मचारी लंबे समय से न्यूनतम सैलरी में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि अभी तक नरेंद्र मोदी सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार न्यूनतम सैलरी में बढ़ोतरी को मंजूरी नहीं दी है.
बता दें कि नवंबर महीने में मीडिया रिपोर्ट सामने आने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों में आस जगी थी कि सरकार न्यूनतम वेतन में इजाफा कर सकती है. बताया गया था कि मोदी सरकार 10 नवंबर को होने वाली कैबिनेट बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी कर सकती है. हालांकि कैबिनेट बैठक होने के बाद भी न्यूनतम वेतन को लेकर कोई ऐलान नहीं किया गया था. जिसके बाद केंद्रीय कर्मचारियों में निराशा छा गई थी. कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि कैबिनेट बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई थी. इसके बावजूद भी कर्मचारियों ने उम्मीद नहीं छोड़ी है.
लंबे समय से न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों ने अभी भी उम्मीद नहीं खोई है. अभी भी कर्मचारियों को लगता है कि सरकार दिसंबर के अंत तक या नये साल में न्यूनतम वेतन पर बड़ा फैसला कर सकती है. दरअसल कुछ दिनों पहले खबर सामने आई थी कि केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी करने की तैयारी कर ली थी. लेकिन आखिरी समय में वित्त मंत्रालय के दखल के बाद इस फैसले को आगे के लिए टाल दिया गया था. सूत्रों के मुताबिक आर्थिक सुस्ती की वजह से सरकार चाह कर भी कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी में इजाफा नहीं कर पा रही है. क्योंकि अगर सरकार कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी करती है तो इससे अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा.