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मजदूरों को छलने का काम कर रही, बीजेपी सरकार-कांग्रेस

लखनऊ , भाजपा सरकार पर मजदूरों को छलने का आरोप लगाते हुये उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि निशुल्क घर वापसी के केन्द्र सरकार के भरोसे के विपरीत बेहाल श्रमिकों से टिकट का पैसा लिया जा रहा है।

श्री लल्लू ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन बढ़ाने के साथ भरोसा दिया था कि मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ निशुल्क घर वापस पहुचायेगी। टिकट का पैसा राज्य सरकार अदा करेंगी लेकिन अब मजदूरों से पूरा पैसा वसूला जा रहा है यही नहीं टिकट से भी ज्यादा दाम वसूले जा रहे हैं। मजदूर अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लॉकडाउन में उत्तर प्रदेश के करीब 10 लाख लोग दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। वर्तमान योगी सरकार ने मजदूरों की मदद के लिए कई नोडल अधिकारियों की नंबर जारी किये है जिससे मजदूर उन नंबरों पर कॉल कर सके और सहायता प्राप्त करे लेकिन फोन करने पर पता चलता है ये नंबर अस्तित्व में ही नहीं है।

नोडल अधिकारियों के एक भी नंबर पर कॉल नहीं लगा। या तो कॉल फॉरवर्ड हो रहे हैं यह नंबर व्यस्त बताया जा रहा है।

उन्होने कहा कि सरकार ने कोटा में फंसे छात्रों को सुरक्षित ले आयी है, जिसका उनकी पार्टी ने स्वागत भी किया। उनके लिए बसे लगवाई लेकिन जब मजदूरों की बात आई तो उनके साथ बुरा बर्ताव हो रहा है । उन्हें सरकार के द्वारा ना तो सहायता मिल रही है और ना ही उनका दर्द बांटा जा रहा है।

श्री लल्लू ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूरा प्रशासनिक अमला दिखावा करता है कि बहुत मेहनत कर रहे हैं जबकि सच्चाई इसके उलट है। खुद मुख्यमंत्री अपील करते है कि मजदूर पैदल ना चले,लेकिन हकीकत भयानक है। प्रदेश के प्रवासी मजदूरों पर बड़ा संकट आया है। लॉकडाउन के चलते उन्हें ना तो कहीं रोजगार मिल रहा है जो पैसे थे वह भी खत्म हो गया दाने-दाने को मोहताज है। सरकार की तरफ से जो मजदूरों को लाने की व्यवस्था की गयी वह भी सुचारू ढंग से नहीं चल पा रही हैं । मजदूर पैदल ही अपने घर की तरफ चल रही है।

उन्होने कहा कि भूख प्यास और थकान के चलते अभी तक देश में 300 से ज्यादा मजदूरों की सड़कों पर मौत हो चुकी है। प्रदेश अध्यक्ष ने मजदूरों के लिये विफल प्रबंधन पर मुख्यमंत्री से कड़ा एतराज जताया है। मजदूरों को निशुल्क घर पहुचाने और नोडल अधिकारियों को सक्रिय होने को कहा है जिससे मजदूर ससम्मान और सुरक्षित अपने वतन पहुँच सके।