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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने बाढ़ प्रभावित ग्रामों का हवाई सर्वेक्षण किया

लखनऊ,   उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने आज जनपद बाराबंकी की तहसील रामनगर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने तहसील रामनगर के बाढ़ प्रभावित ग्रामों पर्वतपुर, सरसंडा, जमका एवं खुज्झी का हवाई सर्वेक्षण किया।
उन्होंने महादेवा ऑडिटोरियम में 80 बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत किट वितरित की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने सभी बाढ़ पीड़ितों तथा प्रभावितों को आश्वस्त किया कि डबल इंजन की सरकार उनके साथ खड़ी है। उनकी हर सम्भव मदद करेगी। उनके लिए राहत या उनकी सहायता में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
मुख्यमंत्री  ने मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश के अलग-अलग क्षेत्रों में इस सीजन में बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाएं आई हुई हैं। उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 75 जनपदों में से 37 जनपदों में सामान्य से कम बारिश हुई है या सूखे की स्थिति है। 38 जनपदों में सामान्य बरसात अथवा सामान्य से अधिक बरसात हुई है। सामान्य से अधिक वर्षा के कारण या अन्य राज्यों, जिनमें उत्तराखण्ड प्रमुख है, में अधिक बरसात के कारण नदियों में कई स्थानों पर जल खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। वर्तमान में प्रदेश के 21 जनपदों के 721 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें बाराबंकी के भी कुछ गांव हैं, जहां बाढ़ आई थी। इसमें से कुछ गांवों में बाढ़ कम हुई है और कुछ गांवों में बाढ़ का प्रभाव अभी बना हुआ है।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि शासन ने हर पीड़ित के लिए व्यवस्था की है। जहां बाढ़ 15 दिन से कम समय के लिए है, वहां प्रभावित परिवारों को 10 किलो चावल, 10 किलो आटा, 10 किलो आलू, 02 किलो अरहर की दाल, 01 किलो रिफाइंड तेल, मिर्च, मसाले, बरसाती तथा अन्य आवश्यक चीजें एवं डिग्निटी किट उपलब्ध कराई जा रही है। अगर बाढ़ 15 दिन से अधिक समय के लिए है, तो ऐसे क्षेत्रों में प्रभावित परिवारों को महीने में दो बार यह सहायता दी जाए। यदि बाढ़ महीने भर से ज्यादा समय के लिए है, तो कम से कम तीन बार इस प्रकार की सहायता उस परिवार को दी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसी पीड़ित परिवार का मकान क्षतिग्रस्त होने पर उसे प्रधानमंत्री आवास योजना अथवा मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत एक आवास उपलब्ध कराया जाए। जिनके मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उन्हें मुआवजा दिया जाए। बाढ़, सर्पदंश अथवा किसी वन्य जीव के कारण जनहानि होने पर परिवार को आपदा की श्रेणी में लेते हुए 04 लाख रुपए की सहायता तत्काल उपलब्ध करा दी जाए। यदि किसी आपदा के कारण कोई व्यक्ति शारीरिक दिव्यांगता का शिकार होता है, तो दिव्यांगता के अनुसार उसके परिवार को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़ की चपेट में बेसिक शिक्षा परिषद के जो स्कूल अथवा पंचायत भवन आए हैं, उन्हें नए बनाने के साथ ही, जो मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उनकी मरम्मत के भी आदेश दे दिए गए हैं। बाढ़ सितम्बर माह में भी आ सकती है। उसकी पूरी तैयारी की जा रही है। हमारा प्रयास है कि अभी से सर्वे करके इस बात को सुनिश्चित कर लिया जाए कि आने वाले समय में इसके स्थाई समाधान का रास्ता निकाला जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि जो लोग तटबंध और नदी के बीच में बसे हैं, यदि वे इस पार बसना चाहें तो उनके लिए मुआवजा दें और उन्हें इस पार बसने की व्यवस्था करें, जिससे उनके लिए बाढ़ की समस्या के समाधान का रास्ता निकाला जा सके। सरकार इसमें पूरा सहयोग करेगी। यदि वे लोग तैयार होंगे तो सरकार अपने खर्चे पर उनके लिए एक अच्छी कॉलोनी बनाएगी। जिन नए स्थानों पर नदी कटान कर रही है, उसके लिए सिंचाई विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि निरीक्षण कर तत्काल कार्य योजना बनाएं और बरसात के बाद इसे लागू कर दें, जिससे आने वाले समय में बाढ़ की त्रासदी से स्थानीय लोगों को बचाया जा सके।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि आज रक्षा बंधन का पावन पर्व है। रक्षा बंधन का यह पर्व भाई-बहन का एक पवित्र पर्व है। हम इस अवसर पर समाज में गरीबों, पीड़ितों तथा वंचितों के साथ खड़े होकर उनके लिए सुरक्षा का एक कवच बनें तथा समाज की सुरक्षा और राष्ट्र की सुरक्षा को भी मजबूती प्रदान करने में योगदान दें।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री  ने श्री लोधेश्वर महादेव मन्दिर में पूजा-अर्चना की।
इस अवसर पर खाद्य एवं रसद तथा नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री श्री सतीश चन्द्र शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।