बालिगों को संरक्षण गृह में इच्छा के विरूद्ध नहीं रखा जा सकता – हाईकोर्ट
July 12, 2019
मुंबई, बॉम्बे उच्च न्यायालय ने वेश्यावृत्ति के रैकेट से छुड़ाई गई और फिलहाल सुधार गृह में रह रही एक 22 साल की महिला को रिहा करने का आदेश देते हुये कहा है कि उसे संरक्षण गृह में उसकी इच्छा के विरूद्ध नहीं रखा जा सकता क्योंकि वह बालिग है।
गुरूवार को दिये एक निर्णय में न्यायाधीश एस एस शिंदे ने कहा कि इच्छा के बगैर किसी बालिग पीड़ित को सुधारगृह में नहीं रखा जा सकता। न्यायालय ने इस संबंध में राज्य के पंढरपुर की एक महिला की याचिका पर सुनवाई की। इसमें स्थानीय अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी।