नयी दिल्ली, दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में डीडीए की जमीन पर संचालित 59 निजी स्कूलों को अपने-अपने यहां 5-10 प्रतिशत शुल्क बढ़ोत्तरी करने की अनुमति दे दी है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। नियम के अनुसार दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की जमीन पर बने निजी स्कूलों को कोई भी शुल्क बढ़ोत्तरी करने से पहले शिक्षा निदेशालय (डीओई) से अनुमति लेना जरूरी होता है।
शहर में ऐसे 301 स्कूल हैं जिनमें से 267 स्कूलों ने शुल्क बढ़ोत्तरी को लेकर अनुमति के लिये संपर्क किया था। डीओई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘स्कूलों के विस्तृत ऑडिट के बाद कोष की कमी से जूझ रहे इनमें से 59 स्कूलों को 5-10 प्रतिशत शुल्क वृद्धि की मंजूरी दे दी गयी है। यह शुल्क बढ़ोत्तरी केवल ट्यूशन फीस तक सीमित रहेगी।’’ डीओई ने 2017 में स्कूलों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप 15 प्रतिशत ‘‘अंतरिम शुल्क वृद्धि’’ की मंजूरी दी थी बशर्ते कि वे अपने-अपने वित्तीय खातों को तय समय अवधि में सरकार द्वारा ऑडिट करवायें।
इस आदेश को पिछले साल आप सरकार ने यह कहकर वापस ले लिया था कि स्कूलों को अपने यहां किसी भी तरह के शुल्क बढ़ोत्तरी से पहले पूर्व अनुमति लेनी होगी और स्कूलों के खातों का ऑडिट करने के बाद ही इसकी इजाजत दी जायेगी। स्कूलों ने सरकार के इस कदम के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया। एकल पीठ ने इस आदेश पर रोक लगा दी। हालांकि दिल्ली सरकार ने दो सदस्यीय पीठ से संपर्क किया, जिसने मामले में सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया।