जेलाें में बंद बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग उठी?

नयी दिल्ली, देश की जेलों में बंद बुद्धिजीवियों और मानव अधिकार कार्यकर्ताओं के बिगड़ते स्वास्थ्य पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए उनकी अविलंब रिहाई की मांग की है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी पोलित ब्यूरो ने जारी बयान में कहा है कि देश की जेलें पहले से ही भरी हुई है और वहां बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में इन कैदियों के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं ।

बयान में कहा गया है कि अखिल गोगोई नामक कैदी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है और क्रांतिकारी कवि वरवरा राव की हालत अत्यंत नाजुक हो गई है। इसलिए इस बात की आशंका बढ़ गई है कि गौतम नौलखा सुधा भारद्वाज सोमा सेन जैसे मानव अधिकार कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों की स्थिति कहीं खराब नह हो जाये और वे कोरोना के संक्रमण के शिकार न हो जाये।

इसके अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर साईं बाबा की भी हालत खराब है जो पहले से जेल में बंद है और 90 प्रतिशत विकलांग है । उनका जीवन खतरे में है । पिछले वर्ष संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रतिनिधि ने भी श्री साईं बाबा की रिहाई की मांग की थी ।

लोकप्रिय वक्ता और कवि वरवरा राव की हालत को खराब देखते हुए सोशल मीडिया पर देश के जाने-माने साहित्यकारों और मानवाधिकारों ने पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधा तथा सुरक्षा देने की मांग की है।