भारत के छठे बडे सेवा क्षेत्र लांड्री को उद्योग का दर्जा देने की मांग उठी

मुंबई,  भारत में 6वें बड़े सेवा क्षेत्र लांड्री को उद्योग का दर्जा मिलना चाहिए। ड्राई क्लीनर्स एंड लॉन्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महासचिव श्रीनिवास राव ने कल मुंबई में ष्पहली वार्षिक आम बैठक और बेस्ट प्रेक्टिस अवार्ड्स 2020ष् के समारोह के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि देश में कपड़ों की साफ सफाई लांड्री का व्यवसाय असंगठित है जिसे अब संगठित करने का प्रयास डीएलएआई ने करना शुरू कर दिया है।

उन्होंने कहा कि डीएलएआई की स्थापना एक वर्ष पूर्व की गयी थी और इस व्यवसाय से जुड़े एक हजार लोग संस्था के सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि अगले एक वर्ष में पूरे देश में 10 हजार सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। श्री निवास ने कहा कि यह क्षेत्र असंगठित जरूर है लेकिन यह क्षेत्र 5़ 50 हजार करोड़ रुपये का बृहद क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्था लोगों को प्रशिक्षण भी देगी ताकि लोगों को रोजगार मिलने में आसानी हो।

उन्होंने कहा कि संस्था का निकट भविष्य में विस्तार भी किया जायेगा और हर राज्य में संस्था को बढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि डीएलएआई इस उद्योग में 18 प्रतिशत जीएसटी को घटा कर पांच प्रतिशत करने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा है। लांड्री की सेवा रेलवेए विमानए होटलए अस्पताल आदि में बड़े पैमाने पर ली जाती है। इसके अलावा निजी तौर पर घर.घर में लोग लांड्री की सेवा लेते हैं।