श्रीमती पटेल शुक्रवार को यहां सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु में आयोजित तृतीय दीक्षान्त समारोह में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि इस दीक्षान्त समारोह में सम्मिलित होकर गौरवान्वित हो रही हूं। उन्होंने कहा कि महात्मा गौतम बुद्ध का बचपन का सिद्धार्थ था और उन्हीं के नाम पर जिले तथा विश्वविद्यालय का नाम सिद्धार्थ रखा गया है।
कुलाधिपति ने कहा कि इस अवसर पर सिद्धार्थनगर की धरती पर पहुंचकर भगवान गौतम बुद्ध का नमन करती हूं। उन्होंने कहा कि बच्चों काे ऐसी शिक्षा दी जानी चाहिए जो उनके जीवन में खुशहाली लाये। शिक्षा ऐसी हो जो ईश्वर तुल्य देश और समाज को खण्डित न करने की शिक्षा दी जाये। सभी लोगो को अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए। आदर्शो के प्रचार.प्रसार के लिए शिक्षा दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि सिद्धार्थ विश्वविद्यालय वित्तीय पारदर्शिता का कार्य जो किया गया है यह अत्यन्त ही महत्वपूर्ण कदम है। विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवायोजन का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हम सभी लोग अपने आप में केन्द्रित होते जा रहे है इससे बचने की आवश्यकता है। सड़क मार्गो पर कार्य करने वाले लोग यदि सड़को के किनारे पहले से वृक्ष न लगे होते तो उन्हे छाया कहा से मिलती इससे हमे सीख लेने की आवश्यकता है।
श्रीमती पटेल ने अपने सम्बोधन में बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अनेक योजनायें चलायी गयी है। स्वच्छ भारतए स्वस्थ्य भारत योजनाओं के संबध में जानकारी दी गयी है। स्वच्छता को अपनाकर हम अपने जीवन को स्वस्थ्य बना सकते है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने सम्पूर्ण भारत को 2025 तक टी बी रोग से मुक्त करने का संकल्प लिया गया है। उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं कर्मचारियों को एक.एक टी0बी0 रोगियों को गोद लेकर उन्हें रोग से मुक्त कराने का संकल्प लेने का आह्वान किया गया है।