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प्रगतिशील समाजवादी पार्टी महासचिव समेत, 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

लखनऊ,  प्रगतिशील समाजवादी पार्टी महासचिव और राज्यसभा के पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव समेत 12 लोगों के खिलाफ अपहरण और जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुये एफआईआर दर्ज करायी गयी है।
बरेली के दोहरा रोड की कॉलोनी शिव गार्डन निवासी एक मानसिक चिकित्सालय के डॉक्टर पीपी सिंह ने श्री यादव समेत 12 के खिलाफ थाना बारादरी में एफआईआर दर्ज कराई है। आरोप है कि पूर्व राज्यसभा सदस्य ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर अपहरण करने का प्रयास किया और मारपीट करते हुए जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया और जान से मारने की धमकी दी।
बारादरी थाने के इंस्पेक्टर शीतांशु शर्मा ने बताया कि पीड़ित की तहरीर पर,पूर्व सांसद वीरपाल सिंह और 10 -12 लोगों के खिलाफ शुक्रवार देर रात भादवि की धारा ,452 ,323 ,504 ,506 अ- अधि 3 ( 1 ) द और 3 ( 1 )ध के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। श्री शर्मा ने बताया कि तहरीर के मुताबिक राजपाल सिंह और डॉ पीपी सिंह का मेडिकल परीक्षण कराया गया है।
केशव गार्डन निवासी राजपाल सिंह ने बताया कि उनके भाई डॉ पीपी सिंह अस्पताल से ड्यूटी कर लौटे थे तो उन्होने घर के सामने दो युवकों को पेशाब करते देखा। जब भाई ने मना किया तो आरोपित जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली गलौज करने लगे। आरोप है कि दोनों युवकों ने 10 अन्य लोगों को बुला लिया और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा कि पेशाब यहीं करेंगे।
राजपाल के मुताबिक आरोपी जातिसूचक शब्द कहते हुए उन्हें पीटने लगे और भाई डॉ पीपी सिंह को बचाने आए तो उन्हें भी पीटा और जान बचाकर घर में भागे तो आरोपी भी घर में घुस आए और उन्होंने महिलाओं और बच्चों से भी धक्का-मुक्की की, राजपाल के मुताबिक यह लोग उन्हें और उनके चिकित्सक भाई को पकड़कर थोड़ी दूर जा रही कार के पास ले गए और कार में सपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य वीरपाल सिंह यादव बैठे थे।
वीरपाल ने अभद्रता की और कहा की कार में डाल कर ले चलो उन्हें गालियां दी। वीरपाल सिंह यादव ने धमकी दी कि तुम्हें छोड़ रहा हूँ , पुलिस में शिकायत की तो जान से मार देंगें। इस मामले में पूर्व सांसद ने कहा कि आरोप निराधार है, उन्होंने कहा कि पुलिस को रिपोर्ट दर्ज से पहले जांच करनी चाहिए थी।