नई दिल्ली,आज के दौर में कहीं पानी तक मुफ्त में नहीं मिलता है लेकिन मध्य प्रदेश के बैतूल में एक ऐसा गांव है, जहां मवेशी पालक दूध को बेचते नहीं है, बल्कि मुफ्त में देते हैं।
बताया जा रहा है यह ग्वालों का गांव है और अपने इस्तेमाल से बचे दूध को गांव के जरूरतमंद लोगों में बांट देते हैं। यानी लोगों को मुफ्त में दूध दिया जाता है। वैसे तो यहां सबके पास मवेसी हैं। और ज्यादातर घरों में दूध होता है। लेकिन बहुत ऐसे घर भी हैं जिनके यहां दूध नहीं होता। ऐसे में कुछ लोग जिनके पास ज्यादा दूध होता है वह जरूरतमंदों को बांट देते हैं।
इंटरनेट पर मौजूद कुछ वीडियो के अनुसार यह गांव मध्यप्रदेश में नरसिंहपुर जिले में है। जबकि अन्य खबर में बैतूल जिले का चूड़िया गांव बताया जा रहा है। गांववालों का कहना है कि आज से करीब 100 साल पहले यहां एक बाबा आए थे। वह गौ माता के बड़े भक्त थे। उन्होंने गांव वालों को सलाह दी थी किसी को भी दूध नहीं बेचना चाहिए बल्कि ज्यादा हो तो जरूरतमंदों में दान कर देना चाहिए। बाबा की मंशा थी लोग दूध नहीं बेचेंगे तो गांव के लोग दूध खाएंगे और स्वस्थ रहेंगे। इसके बाद वहां लोगों ने हमेशा के लिए दूध बेचना बंद कर दिया। कुछ लोग गुजारे के लिए घी बनाकर जरूर बेचते हैं।
वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यदि कोई दूध बेचता है तो उसकी गाय या भैंस बीमार पड़ जाती है या फिर मर जाती है जिसके डर से यहां के लोग दूध नहीं बेचते। जरूरत से ज्यादा होने पर दूसरों को मुफ्त में दे देते हैं। एक गांव वाले का कहना है कि गांव के लोगों का मुख्य पेशा खेती है ऐसे में दूध न बेचने से किसी को कोई आर्थिक समस्या नहीं होती।