नयी दिल्ली, मोदी सरकार ने दावा किया है कि देश मे एससी-एसटी पर अत्याचार नही बढ़ें हैं। आपराधिक मामलों के जल्दी निपटारे को लेकर राज्यों को जिम्मेदार बताया है।
आज राज्यसभा में अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में, गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने कहा कि सरकार अनुसूचित जाति और जनजाति पर अत्याचार के मामलों को लेकर गंभीर है और उनके खिलाफ अपराध में वृद्धि नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में पहले 22 तरह के अपराध शामिल किये गये थे, लेकिन 2015 में इस कानून में संशोधन कर इसमें 25 प्रकार के अन्य अपराधों को भी शामिल किया गया।
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि 30 राज्यों में विशेष अदालतों का गठन किया गया है। राज्यों में ऐसे मामलों के लंबित रहने के बारे में पूरक प्रश्न पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आपराधिक मामलों के जल्दी निपटारे में राज्यों की भूमिका होती है।
वहीं, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि सरकार अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण कानून काे कमजोर नहीं होने देगी और उन्हें जो सुरक्षा दी जा रही है उसे छीना नहीं जायेगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि इस कानून को संशोधन के माध्यम से और मजबूत किया गया है तथा इसके नियमों में भी बदलाव किये गये हैं।
उन्होंने कहा कि इन जातियों पर अत्याचार करने से संबंधित मामलों में जल्दी न्याय के लिए पहले विशेष अदालतों का गठन किया जाता था, लेकिन अब अलग से भी विशेष अदालतों का गठन किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि देश में इस प्रकार के 194 अदालतों का गठन किया गया है और उन्हें उम्मीद है कि इससे सजा की दर में भी वृद्धि होगी।