कानपुर, आठ पुलिसकर्मियों की हत्या वाले कानपुर कांड मे नया मोड़ आ गया है, अपराधियों के बाद अब पुलिस अफसरों की गिरफ्तारी शुरू हो गई है।
उत्तर प्रदेश में कानपुर के चौबेपुर क्षेत्र के निलंबित थानाध्यक्ष विनय तिवारी समेत दो पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने बुधवार शाम यहां पत्रकारों को बताया कि चौबेपुर के पूर्व थानाध्यक्ष विनय तिवारी और बीट प्रभारी के.के शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है।
उन्होने बताया कि दोनो पर आरोप है कि पिछले गुरूवार को बिकरू गांव में दबिश देने गयी पुलिस टीम को उन्होने जान के खतरे में डाला और मुठभेड़ के बीच में ही मौके से भाग निकले। गिरफ्तार किये गये पुलिस कर्मियों पर यह भी उनके कुख्यात हिस्ट्रीशीटर और आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे से संबंध है।
गौरतलब है कि मुठभेड़ के बाद से ही विनय तिवारी और के के शर्मा पर पुलिस की दबिश के बारे में विकास दुबे को सूचना दिये जाने के आरोप लगते रहे हैं। मुठभेड़ के अगले दिन ही पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने विनय तिवारी को हिरासत में ले लिया था और उनसे गहन पूछताछ की गयी।
पिछले गुरूवार और शुक्रवार की रात्रि बिकरू गांव में विकास दुबे और उसके गुर्गो ने सुनियोजित तरीके से दबिश देने गयी पुलिस टीम पर गोलियाें की बौछार कर दी थी जिसमें पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेन्द्र मिश्र समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गये थे जबकि सात घायल हो गये थे। चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी दबिश देने गयी टीम में शामिल थे लेकिन वह सबसे पीछे चल रहे थे और उनका बाल भी बांका नहीं हुआ। विकास और उसके गुर्गो ने पुलिसकर्मियों को जान से मारने की नीयत से जेसीबी मशीन बीच रास्ते में खड़ी कर दी थी और ऐन वक्त पर गांव की बिजली गुल कर दी गयी थी। तीन थानों की पुलिस ने इस कार्रवाई में हिस्सा लिया था जबकि खुद का क्षेत्र होने के बावजूद विनय तिवारी सबसे पीछे थे।
इस मामले में मुखबिरी के शक में मंगलवार रात पूरा चौबेपुर थाना लाइन हाजिर कर दिया गया था और थाने में सभी नये पुलिसकर्मियों की तैनाती की गयी है। मामले की जांच लखनऊ की आईजी लक्ष्मी सिंह कर रही हैं।